भिलाई.राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की तीन दिनों तक चलने वाली बैठक सोमवार को खत्म हो गई। बंद कमरे में देशभर के कोने-कोने से संघ के पदाधिकारी राजधानी रायपुर पहुंचे थे। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इस बैठक में शामिल हुए थे। सोमवार को संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि संघ की विचारधारा के तहत काम कर रहे देश के 36 संगठनों के 250 से अधिक प्रमुख लोग इस बैठक में शामिल थे।
संघ प्रमुख ने संगठनों से की चर्चा
बैठक में शामिल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश के सभी संगठनों से चर्चा की। तय किया गया कि, आने वाले दिनों में देश में कुछ सकारात्मक बदलावों पर काम होना चाहिए। इसमें देश के स्कूल कॉलेजों में हिंदुत्व के कोर्स की बात भी है। संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि बैठक में ये तय किया गया कि देश के विद्यापीठों में हिंदुत्च की पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएस और यूके में हिंदुत्व पर पढ़ाई हो रही है तो यहां भी होनी चाहिए।
इन विषयों पर संघ करेगा काम
ब्रांडेड चीजें अच्छी मानने के फैशन की वजह से स्थानीय कामगारों के प्रोडक्ट को नुकसान हुआ है, स्थानीय चीजों को बढ़ावा दिया जाएगा।
जीडीपी के बजाए भारतीय मानक इंडेक्स तैयार करने हुआ विचार।
ऑर्गेनिक फार्मिंग, किसान मजदूर व्यापारी को साथ लेकर चलें, एग्रीकल्चर गैजुएट खेती नहीं करते, जो खेती करते हैं वो शिक्षित नहीं होते। इसलिए उनकी शिक्षा पर काम हो।
भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में काम हो, जजमेंट भारतीय भाषा में हो, लोगों को पता नहीं चलता वकील जज अंग्रेजी में क्या बोल रहे।
जनजाति वर्ग के लोगों का माइग्रेशन रोकने पर काम होगा।
हिंदू राष्ट्र पर भी बोले
क्या भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होगा। इसके जवाब में संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा राष्ट्र मतलब समाज होता है तो समाज यहां हिंदू ही है, रविंद्र नाथ टैगोर ने एक बात कही थी। उन्होंने अनेकता में एकता देखना यही भारत के अंतर में पड़ा धर्म है। कहा तो धर्म का मतलब यहां रिलिजन से नहीं है। इसलिए भारत विविधता को भेद नहीं मानता, पराए को दुश्मन नहीं समझता। इसलिए नए मानव समूह के संघात से भयभीत नहीं होगा उनको सुरक्षति रखते हुए उनको साथ लेकर आगे बढ़ेगा। भारत में हिंदू मुसलमान लड़ते दिखेंगे। मगर मर नहीं जाएंगे, वह सामंजस्यता स्थापति करेंगे, वही हिंदुत्व होगा। इसकी घोषणा नहीं करनी, है ही।
हमें नहीं मिला आमंत्रण
दरअसल बैठक शुरू होने से पहले 10 सितंबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि संघ के लोग यहां बैठक कर रहे हैं। मोहन भागवत और उनके साथियों को यहां गौठान देखने जाना चाहिए वो गौ सेवा की बात करते हैं। राम की बात करते हैं, यहां कौशल्या माता का मंदिर हमने बनवाया है, जाना चाहिए। मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं। जब इस आमंत्रण के बारे में मीडिया ने सवाल किया तो इसके जवाब में डॉ.मनमोहन ने कहा कि, कहां भेजा आमंत्रण, कैसे भेजा जाता है आमंत्रण, हमें तो नहीं मिला।