भिलाई. कबीरधाम जिले में समस्याओं को नहीं सुने जाने से नाराज सरकारी हॉस्टल की छात्राएं आठ किमी. दूर कलेक्टर से मिलने पैदल ही निकल गई। जब इसकी सूचना प्रशासन को लगी तो हड़कंप मच गया। दरअसल भोरमदेव आवासीय कन्या शिक्षा परिसर की छात्राओं ने शिकायत न सुने जाने से तंग आकर मंगलवार को वार्डन आशारानी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्राएं पहले तो भूख हड़ताल पर बैठ गई। इसके बाद हॉस्टल से पैदल ही 8 किमी. दूर कलेक्टर कार्यालय के लिए निकल गईं। जिसकी जानकारी प्रशासन को होने पर बोड़ला एसडीएम प्रकाश कोरी ने छात्राओं को किसी तरह रोका और रास्ते से वापस छात्रावास लेकर आए। इस बीच छात्राओं के पालक भी हॉस्टल पहुंच गए थे।
वार्डन के बर्ताव से व्यथित थीं छात्राएं
छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल की अधीक्षिका आशारानी सिंह उनके साथ सही बातचीत और व्यवहार नहीं करती है। छात्राओं को जो आवश्यक वस्तुएं हॉस्टल को मुहैया कराया जाना चाहिए, वह नहीं कराया जा रहा है। साथ ही हॉस्टल परिसर, बाथरूम की साफ-सफाई छात्राओं से ही कराया जाता है। सोने के लिए गद्दे, तकिए, चादर की समस्या है। चादर तक छात्राओं को मुहैया नहीं कराया जा रहा है। रसोइया का व्यवहार भी सही नहीं है। नाश्ता, खाना सही नहीं मिलता है। जिसकी शिकायत की गई थी।
वार्डन को हटाया
एसडीएम ने बालिकाओं की समस्या सुनी, जिसमें छात्राओं ने वार्डन को हटाने की मांग की गई, जिस पर तत्काल कलेक्टर के निर्देश पर वार्डन को हटा दिया गया। बाकी समस्याओं को जांच कमेटी बनाकर हल करने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद छात्राएं मानी और खाना खाए। भोरमदेव कन्या शिक्षा परिसर की छात्राएं वार्डन आशारानी सिंह को हटाए जाने के बाद हड़ताल खत्म की। एसडीएम के समझाने के बाद सभी ने देर शाम खाना खाया। चार से पांच घंटे चले विवाद का समाधान निकाला गया। एक सप्ताह बाद स्थायी वार्डन की व्यवस्था किया जाएगा।