रायपुर. मानसिक रूप से दिव्यांग तीन साल की बच्ची को एक कलयुगी मां नहर में मरने के लिए फेक कर भाग गई। वो तो गलीमत रही कि नहर के पास खेत में काम कर रहे कुछ लोगों ने इस घटना को देख लिया और समय रहते मासूम को नहर से निकालकर अस्पताल ले गए। इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना बिलासपुर जिले के लोरमी क्षेत्र के खोडखामी गांव की है। बच्ची के परिजनों का कहना है कि मां अपने परिवार के तानों से तंग आ गई थी। बच्ची के मंदबुद्धि होने के कारण आए दिन लोग उस पर ताने कसते थे। शायद इसलिए उसने ऐसा कदम उठा लिया। गौरतलब हो कि बच्ची की मां का फिलहाल कहां है इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
मदद के लिए चीखती रही मासूम
निर्दयी मां ने अपनी ममता का गला घोंटते हुए मासूम को जैसे ही नहर में फेंक पास ही खेत पर काम कर रहे तीन ग्रामीण युवकों ने बच्ची को नहर में डूबते, चीखते-चिल्लाते देख लिया। काम छोड़ तत्काल वे नहर में कूदे और बच्ची को किसी तरह बचा लिया। उन्होंने पहले इसकी सूचना गांव के उप-सरपंच को दी और फिर तत्काल ग्राम लोधीपारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। बच्ची की गंभीर हालत देख यहां मौजूद डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। डॉ.जीएस दाऊ, बीएमओ लोरमी ने बताया कि बच्ची अब खतरे से बाहर है। परिस्थिति को देखते हुए उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के हैंड ओवर कर दिया गया है। उसके स्वास्थ्य पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है।
चेहरे पर स्कार्फ बांधकर आई थी मां
थाना प्रभारी लोरमी प्रमोद डनसेना ने बताया कि नहर में फेंकी गई बच्ची के बारे में प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसकी मां ने ससुराल में प्रताडऩा से तंग आकर इस घटना अंजाम दिया है। आरोपी मां की तलाश की जा रही है। वह चेहरे पर स्कार्फ बांधकर आई थी। बच्ची सुरक्षित है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
लोगों के ताने से परेशान थी मां
सूत्रों के मुताबिक जिस बच्ची को नहर में फेंका गया है, उसकी मां पास के ही ग्राम के निवासी हैं। महिला का मायका थोड़ी दूर स्थित एक अन्य गांव में है। यहां वह तीजा मनाने आई थी। बताया जा रहा है कि महिला के ससुराल वाले उसकी स्पेशल या मंद बुद्धि बच्ची को लेकर तरह-तरह से ताने मारते हैं, जिससे वह परेशान रहती थी। आशंका जताई जा रही है कि शायद इसी वजह परेशान होकर उसने अपनी बच्ची को नहर में फेंका होगा। बहरहाल पुलिस मामले की जांच करते हुए आरोपी मां की तलाश में जुट गई है।