रायपुर. अपने डेढ़ साल के मासूम बच्चे को बाघ का शिकार बनने से बचाने के लिए एक मां 25 मिनट तक खूंखार शिकारी जानवर से अपने जान की परवाह किए बगैर अकेले लड़ते रही। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रोहनिया गांव की है। जहां अर्चना चौधरी रविवार सुबह करीब पौने 10 बजे डेढ़ साल के बेटे राजवीर के साथ किसी काम से घर से बाहर निकली थी। इस बीच एक बाघ झाडिय़ों में दोनों के शिकार के इंतजार में छिपा बैठा था। वह लकड़ी-कांटे की फेंसिंग को फांदकर अंदर आ गया और मासूम बच्चे पर झपट पड़ा।
बाघ ने महिला पर भी किया हमला
अपने बेटे को बाघ के मुंह में देखकर मां अर्चना बिना कुछ सोचे समझे बाघ से भिड़ गई। बाघ ने उसे भी दबोच लिया और अपने नाखून उसके शरीर में घुसा दिए। फिर भी मां ने हार नहीं मानी और करीब 25 मिनट तक बाघ को पटखनी देने के लिए जूझती रही। इसी बीच महिला की आवाज सुनकर गांव के कुछ लोग लाठी-डंडे लेकर बाघ की ओर दौड़े तब जाकर आदमखोर वहां से जंगल की ओर भागा। आखिरकार मौत के मुंह में जाकर मां ने अपने बेटे को बचा ही लिया। बाघ से लड़ते हुए महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे उमरिया के स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद जबलपुर रेफर किया गया है।
महिला की गर्दन टूटी
महिला की आवाज सुन ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंचे। ये देख बाघ मां-बेटे को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। उसके जाने के बाद लोगों ने दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। डॉक्टरों ने इलाज किया तो पता चला कि महिला की गर्दन टूट गई है। महिला की गंभीर हालत देख जबलपुर रेफर किया गया है। जहां महिला का इलाज जारी है।