भिलाई। छत्तीसगढ़ में सुहागिनों का सबसे बड़ा पर्व तीजा है और तीजा का यह उत्सव तीन दिनों तक चलता है। जिसमें एक दिन पहले मायके में करूभात की रस्म में बहन-बेटियां शामिल होने ससुराल से मायके पहुंच ही जाती है, लेकिन इस करूभात की रस्म के पीछे परंपरा के साथ-साथ कुछ वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए हैं। कम लोगों को पता है निर्जला उपवास के पहले करेला क्यों खाया जाता है।
नहीं होती पानी की कमी
तीजा का निर्जला व्रत 36 घंटे का होता है और इससे शरीर में पानी की होने लगती है। कई तीजहारिनों को पित्त की समस्या भी होती है। ऐसे में एक दिन पहले करेला खाने के बाद शरीर में पानी की कमी नहीं होती जिससे वे 36 घंटे का निर्जला व्रत आसानी से पूरा कर पाती हैं। हरितालिका या तीजा व्रत को अन्य व्रतों की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है। मंगलवार को पूरे दिन अन्न जल का त्याग कर सुहागिन महिलाएं और युवतियां पूरा दिन पूजा-अर्चना में बिताएंगी और बुधवार को जब व्रत छोड़ेंगी , लेकन इससे पहले सोमवार रात 12 बजे से पहले से वे अन्न और पानी का त्याग करेंगी। यानी कुल मिलाकर यह व्रत 36 घंटे बाद ही पूरा होगा।