गृहणियों में जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है। ज्यादातर महिलाओं के पैरों में अक्सर दर्द रहता है। घुटनों में दर्द के कारण उनकी कार्यशैली पर भी प्रभाव पड़ता है। जोड़ों या घुटनों में दर्द की एक मुख्य वजह भी खराब जीवन शैली और खानपान में पौष्टिकता की कमी है। आज की आधुनिक जीवन शैली के कारण शरीर की मांसपेशियों में जकडऩ और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। ये समस्या अधिकतर रात के समय ज्यादा परेशान करती है। एक उम्र के बाद महिला और पुरुष दोनों को ही घुटनों में दर्द की शिकायत होती है, लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जाती है। अगर घुटनों में दर्द की समस्या को नजरअंदाज किया जाता है तो भविष्य में तकलीफ अधिक बढऩे की संभावना भी रहती है। घुटनों में दर्द से परेशान हैं तो पहले ये जान लीजिए कि ये समस्या किन कारणों से हो सकती हैं और घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए उपचार व बचाव के उपाय भी जानें।
घुटनों में दर्द के कारण
महिलाओं के घुटनों में दर्द पुरुषों की तुलना में अधिक रहता है। इसकी एक वजह महिला और पुरुष की शारीरिक संरचना में अंतर है। दरअसल महिलाओं के जॉइंट्स की मूवमेंट्स अधिक होने के साथ ही उनके लिगामेंट्स भी अधिक लचीले होते हैं। चूंकि महिलाओं के घुटनों की मूवमेंट अधिक रहती है, इसके कारण दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के दौरान मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोंस का स्तर कम हो जाता है। एस्ट्रोजन महिलाओं में पाया जाने वाला हार्मोन है, जो घुटनों को स्वस्थ बनाने में सहायक है। लेकिन पीरियड्स में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने से घुटनों पर असर पड़ता है।
घुटनों में चोट लगने पर उसका सही और तुरंत इलाज न कराने पर भविष्य में दर्द का खतरा बढ़ सकता है।
जब आप जरूरत से ज्यादा व्यायाम या दौड़ लगाते हैं तो नी कैप और टेंडन पर दबाव पड़ता है और जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। आवश्यकता से अधिक व्यायाम सेहत के लिए नुकसानदायक है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं के जोड़ों में दर्द की एक वजह वजन और मोटापा है। पुरुषों की अपेक्षा अधिकतर महिलाएं मोटापे की समस्या का शिकार होती हैं। अधिक वजन के कारण घुटनों पर दबाव पड़ता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वजन जितना अधिक होगा, उसका पांच गुना अधिक दबाव घुटनों पर पड़ेगा।
अक्सर हल्का दर्द होने पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जो घुटनों में अधिक दर्द का संभावना को बढ़ा देता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस रिसर्च सोसायटी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्ति को एक साल से अधिक समय से अगर घुटनों में दर्द हो रहा है तो इसकी वजह ऑस्टियोअर्थराइटिस हो सकती है।
जोड़ों के दर्द से बचाव के उपाय
घुटनों या जोड़ों में दर्द से बचाव के लिए शरीर को स्वस्थ रखने की जरूरत है। इसके लिए अगर आप व्यायाम करते हैं तो ऐसे व्यायाम को चुनें तो घुटनों की कार्टिलेज को बचाए। घुटनों के दर्द से बचाव के लिए तैराकी और साइकिलिंग कर सकते हैं। व्यायाम की यह एक्टिविटी भविष्य में घुटनों को नुकसान पहुंचने से बचाती हैं।
अधिक वजन के कारण घुटनों पर दबाव पड़ता है, इसलिए संतुलित वजन बनाएं रखें ताकि घुटनों पर प्रेशर न पड़े और दर्द की संभावना को कम किया जा सके।
जरूरत से ज्यादा व्यायाम से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है। कई बार अधिक उत्साही होने से जैसे तेजी से उठना, बैठना या चलना दर्द का कारण बनते हैं। जुंबा, फंक्शनल वर्कआउट, सूर्य नमस्कार, पद्मासन का अधिक अभ्यास दर्द को बढ़ा सकता है। इसलिए विशेषज्ञ की सलाह के मुताबिक ही व्यायाम करें।
अगर घुटनों में सूजन है, या दर्द हो रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें, बल्कि तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। घुटनों की समस्या को अनदेखा करने से भविष्य में परेशानी अधिक बढ़ जाती है।