गर्ल्स और यंग फीमेल्स के बीच डायट पिल्स और लैक्सेटिव्स पिल्स (जुलाब की टैबलेट्स) काफी लोकप्रिय हैं। इसका कारण है कि वे अपने खाए हुए खाने को बॉडी में स्टोर नहीं होने देना चाहतीं ताकि उनका वेट कंट्रोल में रहे और वे स्लिम बनी रहें। लेकिन हालह ही हुई एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो गर्ल्स इस तरह की डायट पिल्स का इस्तेमाल करती हैं, उनमें इटिंग डिसऑर्डर होने के चांस बहुत अधिक होते हैं।
इस स्टडी के लिए पूरे 15 साल रिसर्च कार्य जारी रहा और इसमें 10 हजार गर्ल्स और फीमेल्स को शामिल किया गया। शोध में शामिल फीमेल्स की उम्र 14 से 36 साल के बीच रही। इन सभी महिलाओं में से किसी को भी ये पिल्स लेने से पहले इटिंग डिसऑर्डर की समस्या नहीं थी। इन महिलाओं में से डायटिंग पिल इस्तेमाल करनेवाली 1.8 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि डायट पिल्स लेना शुरू करने के 1 से 3 साल के भीतर उन्हें पहली बार इटिंग डिसऑर्डर की दिक्कत हुई। वहीं, लैक्सेटिव्स यूज करनेवाली 4.2 प्रतिशत महिलाओं को पहली बार इटिंग डिसऑर्डर की समस्या हुई।
यह स्टडी 21 नवंबर को अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में ऑनलाइन पब्लिश की गई। रिसर्चर्स का कहना है कि वेट कंट्रोल के लिए फीमेल्स को इन दोनों ही तरह की पिल्स लेने से बचना चाहिए। क्योंकि लगातार इनके उपयोग और साइड इफेक्ट के कारण हाई ब्लड प्रेशर, लीवर डैमेज और किडनी फेल्यॉर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। वेट लूज करने के लिए हेल्दी टिप्स अपनाना ही ठीक है। क्योंकि हेल्दी बॉडी को पोषण की जरूरत होती है। फिजिकली ऐक्टिव रहकर बॉडी वेट को कंट्रोल करना सबसे सुरक्षित तरीका है।
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