भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने जोखिमपूर्ण अपशिष्ट लैंडफिल सुविधा के लिए सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया है। इस सुविधा के निर्माण और संचालन के साथ बीएसपी छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे बड़ी कैप्टिव खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं से युक्त संस्थान बन गया है।
पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने विभिन्न उद्योगों में उत्पन्न विभिन्न कचरे को ठोस कचरे में वर्गीकृत किया है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं और कुछ अन्य कचरे को जोखिमपूर्ण कचरे के रूप में वर्गीकृत किया है। यदि इन अपशिष्टों को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित वैज्ञानिक प्रक्रिया में नियंत्रित नहीं किया गया तो यह अपषिष्ट पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। जोखिमपूर्ण कचरे की हैंडलिंग और प्रबंधन उद्योगों के लिए एक बड़ी चुनौती होने के साथ-साथ प्राधिकृत अधिकारियों के लिए भी एक बड़ी चिंता थी, लेकिन बीएसपी में नवनिर्मित एसएलएफ सुविधा के लग जाने से सभी पक्षों को राहत मिली है।
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने हमेशा पर्यावरण की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बीएसपी अपने ठोस और जोखिमपूर्ण कचरे के निपटान के लिए पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाते रहा है। बीएसपी को कोक ओवन के कोल केमिकल विभाग के संचालन में कुछ कचरों के हैडलिंग में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। चूंकि अपशिष्ट अत्यधिक अम्लीय और संक्षारक प्रकृति का होता है, इसलिए बीएसपी ने इसके सुरक्षित निपटान के लिए सीमेंट उद्योगों के साथ एक समझौता किया।

बीएसपी, पर्यावरण प्रबंधन में सदा एक ट्रेंड सेटर रहा है, इसी के अनुरूप बीएसपी ने अब जोखिमपूर्ण कचरे के प्रबंधन के लिए भी अपनी सुविधाएं विकसित की है। खुद के कैप्टिव जोखिमपूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा के इस नेक विचार की अवधारणा को लगभग 5 साल पहले आकार दिया गया था। इस कार्य के निष्पादन के लिए बीएसपी ने जोखिमपूर्ण अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रसिद्ध एजेंसी मैसर्स रामकी एनवायरो इंजीनियर्स लिमिटेड, हैदराबाद की सेवाएं ली। इसके निष्पादन में कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, बीएसपी की परियोजना विभाग, कोक ओवन और पर्यावरण प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अथक प्रयासों तथा कार्यपालक निदेशक (परियोजना) एके भट्टा के कुशल मार्गदर्शन और निर्देशन में इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।
यह जोखिमपूर्ण अपशिष्ट लैंडफिल के तहत स्थापित कई उप-इकाइयों जैसे तटस्थीकरण सुविधा, पार्किंग और भंडारण यार्ड, सौर वाष्पीकरण तालाब, लीचेट संग्रह कुएं, आधुनिक पर्यावरण प्रयोगशाला आदि से लैस एक अत्याधुनिक सुविधा है, जो सभी जोखिमपूर्ण कचरे को सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल तरीके से हैंडल कर सकेगा।
परियोजना, कोक ओवन, पर्यावरण प्रबंधन विभाग और मेसर्स रामकी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में 29 अक्टूबर, 2021 को इस सुविधा का सफल परीक्षण हेतु संचालित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। ट्रायल रन के दौरान उपस्थित अधिकारियों में अरविंद कुमार, सीजीएम इंचार्ज (एम एंड यू), अच्युता राव, सीजीएम (सीओ-सीसीडी), अशोक कुमार, सीजीएम (प्रोजेक्ट), एसके जैन, जीएम इंचार्ज (प्रोजेक्ट्स) शामिल रहे। इसके अतिरिक्त पर्यावरण प्रबंधन विभाग के जीएम इंचार्ज उमा कटोच, जीएम के प्रवीण, जीएम (सीओ-सीसीडी), बी पासवान व एसके हलदर, सीनियर मैनेजर( प्रोजेक्ट्स) विवेक गुप्ता, तथा बीएसपी और मैसर्स रामकी के अन्य अधिकारीगण भी मौजुद रहे। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड की ओर से डॉ. अनीता सावंत, क्षेत्रीय अधिकारी, दुर्ग-भिलाई एवं अभिनीत चैहान, सहायक. इंजीनियर उपस्थित थे। डॉ. सावंत ने कचरा प्रबंधन में बीएसपी के प्रयासों की सराहना की है और इस सुविधा को सफलतापूर्वक चालू करने के लिए बीएसपी बिरादरी को बधाई दी है। इस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा के सफल परीक्षण और संचालन की शुरुआत के साथ, बीएसपी ने पर्यावरण प्रबंधन और प्रदूषण निवारण उपायों के अपने गौरवपूर्ण इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ा है।




