भिलाई। कामर्स गुरु डॉ संतोष राय ने सीबीएसई परीक्षा के आयोजन को लेकर सवाल उठाएं हैं और साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि आज कोरोना से कई राज्य जहां परेशान हैं, वहीं सीबीएसई बोर्ड अपने जिद पर अड़ा है। क्यों खेला जा रहा है ये खेल? सीबीएसई बोर्ड के इस व्यवहार से आज छात्र-छात्राएं भी परेशान है। सीबीएसई स्पष्ट करे कैसे लेगा परीक्षा? अगर किसी छात्र को कोरोना है तो, वो परीक्षा कब दे सकता है? अगर छात्र को ऑफलाइन परीक्षा के दौरान कोरोना हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
डॉ संतोष राय ने कहा है कि 30 अप्रैल तक कई राज्यों मे जहां लॉकडाउन है। वहीं सीबीएसई बोर्ड के द्वारा परीक्षा के संबंध मे कोई स्पश्टता नही दी गई है। सीबीएसई बोर्ड छात्र-छात्राओं की मानसिक दषा को समझते हुए अंतिम दिन तक इंतजार करके फिर परीक्षा स्थगित करने पर छात्रों पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह हैं सुझाव
- 1:30 घण्टे की परीक्षा ली जाये।
- 75 प्रतिशत वस्तुनिष्ट प्रश्न हो 25 प्रतिशत प्रश्नों का उत्तर लिखने का हो।
- इस वर्श के लिये यह परिवर्तन लागू किया जाये।
- तीन शिफ्ट मे परीक्षा हो 8:00 से 9:30, 11:30 से 1:00 और 3:00 से 4:30।
एैसा करने से लाभ

- छात्रों पर मानसिक दबाव नही होगा।
- परीक्षा जल्दी समाप्त हो जायेगी।
- तीन शिफ्ट मे परीक्षा होने से स्कूल मे भीड़ नही होगी।
- बच्चों का रिजल्ट भी जल्दी घोशित हो जायेगा।
स्कूलों की तैयारी
- ऐसे छात्र-छात्राएं जिनको परीक्षा के दौरान कोरोना हो या कोरोना के प्रारंभिक लक्षण हो उन्हे अलग परीक्षा देने की व्यवस्था की जाये।
- हर स्कूल मे परीक्षा के दौरान कोरोना लक्षण वाले छात्र-छात्राओं के टेस्टिंग की व्यवस्था हो।
- हर परीक्षा केन्द्र मे एम्बुलेंस की भी व्यवस्था हो।




