नई दिल्ली (एजेंसी)। किसानों के बाद अब डॉक्टर भी सरकार से नाराज हो गए हैं। यही वजह है कि डॉक्टर भी मंगलवार को सड़कों पर उतर गए। इसके तहत मंगलवार को डॉक्टर देश भर में 10,000 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टर राजस्थान विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य और विज्ञान विभाग के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि डॉक्टरों ने केंद्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से जारी अधिसूचना के खिलाफ मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस अधिसूचना के तहत स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी के छात्रों को भी आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन करने और अभ्यास करने की मंजूरी दी गई है। इसी वजह से देश भर के डॉक्टर नाराज हैं।
जारी रहेंगी कोरोना सेवाएं, ओपीडी रहेगी बंद
भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सोमवार को बताया कि कल 11 दिसंबर को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक प्रदर्शन किए जाएंगे। इस दौरान गैर अनिवार्य और गैर कोविड-19 सेवाएं बाधित रहेंगी। आईएमए ने बताया कि सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी और पहले से तय ऑपरेशन भी नहीं किए जाएंगे। आईएमए का कहना है कि वन सिस्टम पॉलिसी, आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर देगी।
इस संबंध में आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर राजन शर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा चिकित्सा बहुलतावाद की वकालत करने और सभी चिकित्सा प्रणालियों के मिश्रण के लिए नीति आयोग की चार समितियां बड़े सबूत के रूप में सामने आई हैं। वन सिस्टम पॉलिसी आधुनिक चिकित्सा तंत्र को पूरी तरह खत्म कर देगी। आईएमए का कहना है कि आर्युवेद चिकित्सकों द्वारा सर्जरी के कानूनी अभ्यास की अनुमति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।





