नई दिल्ली (एजेंसी)। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच की रैलियों के संबंध में दिए गए आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। शिवराज ने गुरुवार को कहा कि बिहार में रोजाना रैलियां हो रही हैं। एक देश में इस तरह के विरोधाभासी कानून नहीं हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में चुनावी रैलियों पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। बिहार में रोजाना चुनावी रैलियां आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन इस फैसले के संबंध में हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं। एक असमंजस की स्थिति बन गई है, मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं हो सकती हैं और दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती। मुझे पूरा विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय में हमें न्याय मिलेगा।
मध्य प्रदेश में अगले महीने होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए शिवराज सिंह चौहान की शाडोरा और बराच में जनसभाएं थीं, जोकि हाई कोर्ट के आदेश के बाद निरस्त कर दी गईं। उन्होंने कहा, ‘आज शाडोरा और बराच में मेरी सभाएं थीं, मैं वहां के नागरिकों से क्षमा मांगता हूं, हमने आज वो सभाएं निरस्त की हैं। माननीय उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक फैसला दिया है जिसके तहत चुनावी रैली या सभाएं आयोजित नहीं की जा सकती हैं या चुनाव आयोग की अनुमति से ही आयोजित की जा सकती हैं।
कोर्ट ने क्या दिया है आदेश?
कोरोना वायरस महामारी के चलते मध्य प्रदेश की ग्वालियर बेंच ने नौ जिलों के डीएम को आदेश दिया है उन जगहों पर चुनावी रैलियों की तभी इजाजत दी जाए, अगर वर्चुअल मीटिंग होना मुमकिन नहीं हो। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कमलनाथ के खिलाफ कोरोना प्रोटोकॉल तोडऩे को लेकर एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि जिला मजिस्ट्रेट उम्मीदवार एवं दलों को फिजिकल रैलियों के आयोजन की अनुमति नहीं दें, अगर वे ग्वालियर, गुना, मोरैना, भिंड, अशोक नगर, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर और विदिशा में डिजिटल कैंपेन कर सकते हैं तो।