भिलाई। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र प्रभारी एवं भाजपा झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल पर्वत ने केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों को किसानों के हित में ऐतिहासिक बताया है । उन्होंने लिखा है इन बिलों को विरोध करने वाले कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को किसान विरोधी कऱार दिया है ।
अतुल पर्वत ने एक बयान में कहा है कि केंद्र की भाजपा की नीति गठबंधन सरकार किसानों एवं सर्वहारा वर्ग के हितों की रक्षा के लिए कार्य करती आ रही है ये तो उसी कड़ी में किसानों के समग्र उत्थान एवं आर्थिक उन्नति एवं उनकी आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार ने 3 कृषि बिल पारित कराए हैं। आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020, कृषि उपज व्यापार वाणिज्य ( संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक तथा कृषक (संरक्षण सशक्तीकरण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर कऱार विधेयक है। इन विधेयकों में अब कृषिक्षेत्र के सम्पूर्ण विकास एवं किसानों के समग्र कल्याण के लिए व्यापक प्रावधान किए गए हैं यह बिल कृषि क्षेत्र के सुधार व किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होंगी ।
किसान नेता पर्वत ने आगे कहा है कि मोदी सरकार ने अनाज, दालों , प्याज़ आदि को अब सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया है। इससे पहले सत्र 1955 तक केंद्र सरकार द्वारा पारित विधेयक के अनुसार कृषि उपज तथा अन्य ज़रूरी वस्तुओं के उत्पाद की आपूर्ति वितरण की क़ीमत निर्धारित सरकार करती आ रही थी परन्तु अब नए बिल में अनाज ,दालों , प्याज़ व अन्य वस्तुओं के उत्पाद की आवाजाही आपूर्ति अब निर्बाध हो सकेगी। कृषि क्षेत्र में निजी तथा विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा और कृषि उपजों की आपूर्ति एवं बिक्री की प्रक्रिया में वृद्धि होगी तथा आपूर्ति शृंखला मज़बूत होगी ।।
पर्वत ने कहा है कि अब किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य तथा अपने गृह राज्य के किसी भी जि़ले में मनचाहा दरों पर बेचने की छूट दी गई है । पहले व्यवस्था थी कि किसान अपनी उपज राज्य सरकारों के अधीन कृषि उपज मंडियों में ही बेच पाएंगे और मंडियों में अपनी अनाज बेचने के बदले किसान को भारी भरकम टैक्स चुकाना पड़ता था। कांग्रेस शासित पंजाब में तो मंडी टैक्स 4.5 प्रतिशत है । नई व्यवस्था के तहत किसान अब अपनी उपज की निश्चित क़ीमत प्राप्त कर सकेंगे। खेतों में फ़सल उगाने से पहले किसान अपनी उपज बेचने के लिए किसी भी व्यापारी से कऱार कर सकते हैं कि कृषि उपज की गुणवत्ता व क़ीमत किसान और व्यापारी मिलकर तय कर सकेंगे । उपज का स्वामित्व किसान के पास ही रहेगा। पैसा लगाते समय खाद बीज दवाई आदि पर रक़म उपज खऱीदने वाले व्यापारी को लगानी होगी। उपज का परिवहन व्यापारी को देना होगा। उपज की कुल क़ीमत का दो तिहाई हिस्सा किसान को व्यापारी उपज लेते ही देगा तथा शेष रक़म 3 दिनों में चुकानी होगी।
पर्वत ने कहा है कि इन विधेयकों के पारित हो जाने से किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। उनका समग्र विकास होगा तथा भारत का कृषि क्षेत्र और भी समृद्ध होगा। किसान हितैषी इन विधेयकों का विरोध कर कांग्रेस तथा उनके सहयोगी दल अपने किसान विरोधी चेहरे को देश के सामने ला रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इन विधेयकों के लागू हो जाने से किसानों एवं कृषि क्षेत्र की समृद्धि के बारे में भाजपा किसान मोर्चा कृषक जागरण अभियान चलाएगा।