- पांच साल से जारी हो रहा है पास
बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य और पूर्वी तटीय रेलवे में अर्बन बैंक के संचालक मंडल को बैंक की संचालन समिति की बैठक में जाने के लिए 2015 से अवैध तरीके से पास जारी किया जा रहा है। जो की सीपीओ और सीनियर डीपीओ की जानकारी के बिना संभव नहीं है जबकि सेंट्रल रजिस्टार ने 3 जोन के सीपीओ के कार्यालय को शासकीय पत्र भेजकर यह स्पष्ट कर दिया है कि बैंक का संचालक मंडल विधि शुन्य है। बिलासपुर रेलवे क्षेत्र में रेलवे कर्मचारी, अधिकारियों की साख समिति संचालित है जिसे अर्बन बैंक के नाम से जाना जाता है जिस तरह रेलवे के विभिन्न ने श्रमिक संगठनों मैं मान्यता का झगड़ा है उसी तरह बैंक के संचालन मंडल में भी कब्जे को लेकर विवाद है किंतु एक बात सर्वमान्य है कि अर्बन बैंक में संचालक मंडल का चुनाव 2015 से लंबित है और 2015 में जो पदाधिकारी चुने गए थे उन्हें रजिस्ट्रार ने नए चुनाव कराने तक केवल दैनिक कामकाज करने कहा और 3 माह के भीतर नए चुनाव के निर्देश दिए। तय समय सीमा में चुनाव नहीं हुए जिसका सीधा परिणाम यह है कि संचालक मंडल प्रभाव शुन्य है। किंतु संचालक मंडल के अ_ारह पदाधिकारी वर्ष में तीन से चार बार बैठक का आयोजन करते हैं और बैठक में जाने के लिए रेलवे पास जारी करता है और साथ ही रेलवे की नौकरी से विशेष प्रयोजन के नाम पर ऐसी छुट्टी लेते हैं जो अवकाश में गिनती ना की जाए यह सब गुपचुप तरीके से होता है रेलवे में कर्मचारी अधिकारियों को पास जारी करने में दो कार्यालय विशेष भूमिका निभाते हैं पहला सीपीओ और दूसरा सीनियर डीपीओ जब इस संदर्भ में सीनियर डीपीओ से चर्चा की गई तो उन्होंने पूरा मुद्दा समझे बिना ही अर्बन बैंक का नाम सुनते ही पास जारी होने के प्रकरण से पल्ला झाड़ लिया तत्पश्चात सीपीओ से चर्चा हुई तो उन्होंने पास जारी करने में सीनियर डीपीओ का कार्यक्षेत्र ही बताया रेलवे में पास का बड़ा घोटाला चल रहा है और रेलवे एक्ट के अनुसार गलत पास जारी करना उसका उपयोग करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जारी करने वाले और उपयोग करने वाले की नौकरी भी जा सकती है।