धरना स्थल पर डटे हैं कर्मचारी, झांकने भी नहीं आए कोई अधिकारी
कवर्धा। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कर्मचारी कल्याण संघ कवर्धा के बैनर तले वहां के सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी .चैथे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे। जिससे कारखाना में चार दिनों से सभी कार्य ठप हो गया है। गन्ना की खरीदी नहीं होने से किसान परेशान हैं, वहीं शक्कर का उत्पादन नहीं होने से शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
संघ करीब डेढ वर्ष पुरानी अपनी मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज है और नियमित व ठेका अधिकारी कर्मचारी 7 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। छत्तीसगढ़ के प्रथम शक्कर कारखाना कर्मचारी कल्याण संघ कवर्धा के 110 नियमित अधिकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हैं। लेकिन कारखाना प्रबंधन की ओर से कोई सक्षम अधिकारी मिलने भी नहीं आया। कारखाना के सैकड़ों कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल में चले जाने से कारखाना का पूरा कार्य ठप हो गया है। किसानों का गन्ना नहीं बिक रहा है, जिससे हजारों किसान परेशान हैं। वहीं कारखाना प्रबंधन को भी लाखों का नुकसान रोज उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर अपनी लंबित मांगो को लेकर अधिकारी कर्मचारी एकजुट हैं। संघ की मांगों में 56 प्रतिशत महंगाई भत्ता, पदोन्नति व क्रमोन्नति की मांगें हैं। मांगे पूरा नहीं होने से नाराज अधिकारी कर्मचारी कारखाना के सामने ही टेंट लगाकर डटे हुए हैं और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
शक्कर कारखाना के 110 नियमित कर्मचारियों द्वारा मंहगाई भत्ता में 56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तथा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ सेवा नियम के अनुसार देने के लिए पूर्व पेराई सीजन 2018-19 में भी हड़ताल किया गया था। तब कारखाना प्रबंधन द्वारा नियमित कर्मचारियों की मांग को पूर्ण करते हुए मंहगाई भत्ता में 56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का लाभ देने तथा 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके नियमित कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान लाभ का देने हेतु प्रस्ताव पंजीयक कार्यालय की प्रेषित किया गया है। लगभग 13 माह बीत जाने के बाद भी पंजीयक कार्यालय के द्वारा मंहगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी का लाभ देने तथा क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया। यही कारण है कि कारखाना के नियमित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुनः पेराई सीजन 2019-20 में विधिवत 03 सूचना देने के बाद 7 फरवरी से मंहगाई भत्ता एवं क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ एरियर्स लाभ की मांग के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले गए हैं।
संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिन्हा ने बताया कि राज्यस्तरीय कार्यालय द्वारा कारखाना को लाभ की स्थिति में नहंी होने का हवाला देते हुए प्रस्ताव को अनुमोदन नहीं किया जाता है, जबकि कारखाना प्रबंधन द्वारा बारंबार यह हवाला देते हुए शासन की पी.डी.एस. में शक्कर खरीदे जाने वाली प्रक्रिया से कारखाना 14.36 करोड़ रुपए की घाटा का उल्लेख किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा राज्य शासन को प्रस्ताव में अवगत भी कराया गया कि उक्त राशि प्राप्त करने हेतु शासन को विधिवत प्रस्ताव भी प्रेषित किया जा चुका है। इसके बाद भी वरिष्ठ कार्यालय द्वारा मंहगाई भत्ता एवं क्रमोन्नत वेतन का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया है, जिससे नियमित अधिकारीध्कर्मचारियों को लाभ प्राप्त नहीं हो पाया है तथा हड़ताल की नौबत आई है।
कवर्धा। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कर्मचारी कल्याण संघ कवर्धा के बैनर तले वहां के सैकड़ों अधिकारी कर्मचारी .चैथे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहे। जिससे कारखाना में चार दिनों से सभी कार्य ठप हो गया है। गन्ना की खरीदी नहीं होने से किसान परेशान हैं, वहीं शक्कर का उत्पादन नहीं होने से शासन को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।
संघ करीब डेढ वर्ष पुरानी अपनी मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज है और नियमित व ठेका अधिकारी कर्मचारी 7 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। छत्तीसगढ़ के प्रथम शक्कर कारखाना कर्मचारी कल्याण संघ कवर्धा के 110 नियमित अधिकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हैं। लेकिन कारखाना प्रबंधन की ओर से कोई सक्षम अधिकारी मिलने भी नहीं आया। कारखाना के सैकड़ों कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल में चले जाने से कारखाना का पूरा कार्य ठप हो गया है। किसानों का गन्ना नहीं बिक रहा है, जिससे हजारों किसान परेशान हैं। वहीं कारखाना प्रबंधन को भी लाखों का नुकसान रोज उठाना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर अपनी लंबित मांगो को लेकर अधिकारी कर्मचारी एकजुट हैं। संघ की मांगों में 56 प्रतिशत महंगाई भत्ता, पदोन्नति व क्रमोन्नति की मांगें हैं। मांगे पूरा नहीं होने से नाराज अधिकारी कर्मचारी कारखाना के सामने ही टेंट लगाकर डटे हुए हैं और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
शक्कर कारखाना के 110 नियमित कर्मचारियों द्वारा मंहगाई भत्ता में 56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी तथा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ सेवा नियम के अनुसार देने के लिए पूर्व पेराई सीजन 2018-19 में भी हड़ताल किया गया था। तब कारखाना प्रबंधन द्वारा नियमित कर्मचारियों की मांग को पूर्ण करते हुए मंहगाई भत्ता में 56 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का लाभ देने तथा 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके नियमित कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान लाभ का देने हेतु प्रस्ताव पंजीयक कार्यालय की प्रेषित किया गया है। लगभग 13 माह बीत जाने के बाद भी पंजीयक कार्यालय के द्वारा मंहगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी का लाभ देने तथा क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया। यही कारण है कि कारखाना के नियमित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुनः पेराई सीजन 2019-20 में विधिवत 03 सूचना देने के बाद 7 फरवरी से मंहगाई भत्ता एवं क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ एरियर्स लाभ की मांग के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल में चले गए हैं।
संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिन्हा ने बताया कि राज्यस्तरीय कार्यालय द्वारा कारखाना को लाभ की स्थिति में नहंी होने का हवाला देते हुए प्रस्ताव को अनुमोदन नहीं किया जाता है, जबकि कारखाना प्रबंधन द्वारा बारंबार यह हवाला देते हुए शासन की पी.डी.एस. में शक्कर खरीदे जाने वाली प्रक्रिया से कारखाना 14.36 करोड़ रुपए की घाटा का उल्लेख किया गया है। कारखाना प्रबंधन द्वारा राज्य शासन को प्रस्ताव में अवगत भी कराया गया कि उक्त राशि प्राप्त करने हेतु शासन को विधिवत प्रस्ताव भी प्रेषित किया जा चुका है। इसके बाद भी वरिष्ठ कार्यालय द्वारा मंहगाई भत्ता एवं क्रमोन्नत वेतन का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव का अनुमोदन नहीं किया गया है, जिससे नियमित अधिकारीध्कर्मचारियों को लाभ प्राप्त नहीं हो पाया है तथा हड़ताल की नौबत आई है।