रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों क आत्मासमर्पण पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से नक्सली प्रभावित हैं। यही कारण है कि नक्सली हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा सभी सुविधाएं दी जा रही है। सीएम साय ने एक दिन पहले नारायणपुर में 12 नक्सलियों के समर्थन के बाद गुरुवार को एक्स पर पोस्ट कर यह बातें कही।
बता दें कि बुधवार को नक्सल मोर्चे पर नारायणपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। पांच महिला सहित कुल 12 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इस दौरान बीएसएफ और आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे। सरेंडर किए सभी माओवादियों पर 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अबूझमाड़ में नये कैंप की स्थापना और लगातार नक्सल विरोधी अभियान के चलने से माआवोदी बैकफुट पर हैं।
सीएम साय ने अपने पोस्ट में कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने विश्वास जगाया है। हिंसा का रास्ता छोड़कर माओवादी अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं। नारायणपुर जिले में चलाए जा रहे “माड़ बचाओ अभियान” के तहत सुरक्षाबलों के निरंतर प्रयासों से 02 एरिया कमेटी सदस्य सहित कुल ₹18 लाख के ईनामी 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों पर ₹50 हजार से लेकर ₹5 लाख तक के इनाम घोषित थे।

आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन के लिए ₹50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए हैं और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अब तक हमारी सरकार के कार्यकाल में 1704 माओवादी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने और आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास व सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।