कहा केते एक्सटेंशन परियोजना के आने से हजारों लोगों को नौकरी एवं स्व रोजगार के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा।
अंबिकापुर। जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित केते एक्सटेंशन कोल परियोजना की जनसुनवाई के समर्थन में प्रभावित गांवो के ग्रामीणों ने सोमवार को सरगुजा कलेक्टर और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा। ग्राम परसा, साल्ही, हरिहरपुर इत्यादि गांव से आये 20 ग्रामीणों का समूह उनके करीब 100 से अधिक ग्रामीणों का हस्ताक्षरित ज्ञापन देने दिनांक 15 जुलाई 2024 को अंबिकापुर कलेक्टर और क्षेत्रीय पर्यावरण कार्यालय पहुंचा। इस दौरान मौजूद ग्राम परसा की मीरा बघेल, सरपंच झल्लूराम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि, हम सभी ग्रामवासी 2 अगस्त 2024 को केते एक्सटेंशन के लिए हमारे गांव परसा में होने वाले पर्यावरणीय जन सुनवाई का समर्थन करते हैं और इसे तय समय में पूरी कराने की मांग करते हैं।
ज्ञापन में ग्राम परसा, घाटबर्रा, हरिहरपुर, जनार्दनपुर इत्यादि गांव के ग्रामीणों ने लिखा है, कि राजस्थान राज्य विद्युत की कोयला खदान जब से हमारे क्षेत्र में खुली हैं तब से नौकरी और स्वरोजगार सहित गावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास के कई कार्यक्रम संचालित हैं। जिससे हमें विकास की मुख्यधारा से जुडऩे का मौका मिला हैं। साथ ही उक्त परियोजना के जन सुनवाई से हम समस्त जन प्रतिनिधि एवं ग्रामवासी चाहते है कि परियोजना आये और क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाय जिससे क्षेत्र का बहुमुखी विकास हो सके। केते एक्सटेंसन कोल ब्लाक का भविष्य में संचालन होने से यहां पर हजारों लोगों को नौकरी एवं स्व रोजगार के साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा। हमारे बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था के लिए सीबीएसई अंग्रेजी माध्यम का स्कूल से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा ग्रहण कर पायेंगे। वहीं स्वास्थ्य हेतु अस्पताल की स्थापना भी की जायेगी जिसके अन्तर्गत हम ग्रामवासियों का नि: शुल्क उपचार हो सकेगा।
किन्तु कुछ बाहरी तथाकथित एनजीओ के द्वारा गांव के सीधे-साधे ग्रामवासियों को बहलाकर जन सुनवाई के विरोध में प्रशासन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने की जानकारी प्राप्त हुई हैं जो कि पूर्णत: गलत है। हम ग्रामवासियों का परियोजना के पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु सुनवाई के लिए किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं है। ग्रामीणों ने केते एक्सटेंसन कोल ब्लाक के पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु होने वाले जन सुनवाई का शांतिपूर्ण तरीके से आयोजन कराने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी इन ग्रामीणों द्वारा राजस्थान राज्य विद्युत की वर्तमान में संचालित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) कोयला खदान के निर्बाध संचालन तथा परसा कोल ब्लॉक (पीसीबी) को शुरू कराने का ज्ञापन वर्ष 2021 के मार्च से वर्तमान वर्ष 2024 के जुलाई महीने तक निम्न तिथियों में मुख्य मंत्रियों और उच्चाधिकारियों को सौंपी गई है जिनकी सूची इस प्रकार है..
वर्ष 2021 में 01 जून को पीसीबी खोलने का अनुरोध छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को और 10 दिसंबर को पीईकेबी और पीसीबी खोलने का अनुरोध सांसद राहुल गांधी से किया गया, इसी क्रम में वर्ष 2022 में 1, 8, 25, 28 और 29 मार्च को पीसीबी खोलने का अनुरोध क्रमश: एसडीओ सरगुजा, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव, कलेक्टर सरगुजा और आईजी सरगुजा से जबकि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, एसडीओ उदयपुर एवं कलेक्टर सरगुजा से किया गया। इसी वर्ष में 3 नवंबर को छत्तीसगढ़ के तात्कालिन मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया गया। वहीं वर्ष 2023 में भी पीसीबी खोलने का अनुरोध के लिए ज्ञापन 12 फरवरी को राकेश टिकैत, 12 दिसंबर को अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और प्रेम नगर के विधायक से 26 दिसंबर को सरगुजा कलेक्टर से घाटबर्रा भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और रोजगार के लिए ज्ञापन सौंपकर अनुरोध किया गया। जबकि इन ज्ञापनों से पता चलता है कि कैसे क्षेत्र के लोगों को इन परियोजनाओं के आने से न सिर्फ हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं बल्कि खनन क्षेत्र में नौकरियों के मौके से अन्य जिलों के लिए पलायन भी रुका है।
अब अगर वर्तमान वर्ष की बात करें तो 11 जनवरी को पीईकेबी पुन: खोलने का अनुरोध सरगुजा कलेक्टर से, 13 फरवरी को पीईकेबी के निर्बाध संचालन तथा पीसीबी कोयला खदान खोलने का अनुरोध सांसद राहुल गांधी से, 18 जून को ग्राम घाटबर्रा के प्रस्तावित विशेष ग्राम सभा पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन का समर्थन करने के संबंध में सरगुजा कलेक्टर से, 13 जुलाई को पीईकेबी के निर्बाध संचालन तथा पीसीबी कोयला खदान खोलने का अनुरोध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से और 15 जुलाई को केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जन सुनवाई का समर्थन करने के संबंध में सरगुजा कलेक्टर एवं क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।