छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचल में शूट गई इस फिल्म में ज्यादातर कलाकार स्थानीय
भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई में पले-बढ़े फिल्मकार आकाशादित्य लामा की फिल्म ‘बंगाल 1947’ का चयन प्रतिष्ठित बंगाल इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल कोलकाता के लिए किया गया l यह फिल्म 18 फरवरी की शाम सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, कोलकाता में प्रदर्शित की गई। जिसमें उपस्थित सिनेमा प्रेमियों ने फिल्म की सराहना की।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में फिल्माई गई और ज्यादातर स्थानीय कलाकारों को लेकर बनाई गई ‘बंगाल 1947’ को अब जल्द ही सिनेमाघरों में देश भर में प्रदर्शित किए जाने की तैयारी है। डायरेक्टर अकाशादित्य लामा ने बताया कि पिछले साल शूटिंग के दौरान यह फ़िल्म ‘शबरी का मोहनका नाम से बनाई जा रही थी लेकिन फिल्म की विषयवस्तु को देखते हुए इसका नाम बदल कर ‘बंगाल-1947‘ रखा गया। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय रिलीज से पहले प्रतिष्ठित बंगाल इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल कोलकाता के लिए उनकी फिल्म का चयन होना उनके और उनकी पूरी टीम के लिए खुशी और गर्व का एक मौका है। उल्लेखनीय है कि लेखक और निर्देशक के तौर पर आकाश की फिल्म ‘तौबा तेरा जलवा पिछले महीने जनवरी में रिलीज हुई, जिसमें अमीषा पटेल मुख्य भूमिका में थी।
बंगाल 1947’ के प्रोड्यूसर सतीश पांडे एवं ऋषभ पांडे हैं। यह फिल्म बंगाल विभाजन के दर्द एवं बंग समुदाय के रहन-सहन, वेशभूषा और रीति रिवाजों के साथ बनाई गई है। जिसकी शूटिंग बस्तर की सुंदर वादियों में चित्रकूट, कांगेर घाटी जगदलपुर एवं परलकोट क्षेत्र के प्राकृतिक दृश्यों के बीच की गई है। वहीं बस्तर क्षेत्र के कई बंग बाहुल्य गांव, इंदिरा कला संगीत विश्विद्यालय, खैरागढ़ महल, कवर्धा, छुईखड़ान और गंडई में भी इस फ़िल्म क़ी शूटिंग हुई है। इस फ़िल्म में छत्तीसगढ़ से ओंकारदास मानिकपुरी उर्फ नत्था, ‘बचपन का प्यार’ गीत से सोशल मीडिया में चर्चित हुए सहदेव दिरदो, रायगढ़ के स्थापित कलाकार डॉ. योगेंद्र चौबे के अलावा अंकुर अरवम, सुरभि श्रीवास्तव, डॉ अनिल रस्तोगी आदित्य लाखिया, विक्रम सहित कई प्रमुख कलाकारों ने विविध और चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं निभाई है।