भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। छत्तीसगढ़ में नजदीकी मुकाबले की संभावनाओं के बीच राजनीतिक दल अपने-अपने भावी विधायकों की घेराबंदी में जुट गए हैं। खासतौर पर कांग्रेस को यह आशंका सता रही है कि उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है। पार्टी के नेताओं ने इस पर स्पष्ट रूप से अपनी राय भी जाहिर की है। वहीं भाजपा का कहना है कि उसे जोड़-तोड़ की जरूरत ही नहीं होगी, उसकी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रही है।
राज्य में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल सरकार बनाने का दावा जरूर कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने भावी विधायकों की खरीद-फरोख्त की चिंता भी सता रही है। पार्टियों को आंतरिक सर्वे में जिस तरह की रिपोर्ट मिल रही है, उससे वे बहुमत के आसपास पहुंच रहे हैं। यानी जिस भी पार्टी के सामने बहुमत के लिए इक्का-दुक्का विधायक की कमी रहेगी, उसकी भरपाई कैसे होगी, इस पर भी चिंतन-मंथन चल रहा है। दोनों ही दलों की निगाहें जनता कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी की ओर है। इन दोनों दलों ने 2018 के चुनाव में कुल 7 सीटें जीती थी। माना जा रहा है कि इस बार भी इन दोनों दलों के कुछ विधायक आ सकते हैं। इसके अलावा दोनों ही दल एक दूसरे की कमजोर कड़ी भी तलाशने में जुटे हैं। यानी ऐसे नेताओं या भावी विधायकों पर नजर रखी जा रही है, जो असंतुष्ट रहे हैं या हो सकते हैं। यही वजह है कि दोनों ही दल अपने प्रत्याशियों की अभी से घेराबंदी कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो अपने उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट लेने के तत्काल बाद रायपुर पहुंचने की हिदायत भी दे दी है। पता तो यह भी चला है कि भावी विधायकों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश की कुल 90 सीटों में बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए किसी भी दल को कुल 46 सीटों की दरकार होगी। विगत चुनाव में कांग्रेस ने 69 सीटों के साथ अभूतपूर्व जीत दर्ज की थी। जबकि भाजपा को महज 15 सीटें ही नसीब हुई थी। चुनाव पूर्व हुए सर्वेक्षणों में दोनों दलों के बीच कड़े मुकाबले की संभावना जाहिर की गई थी। कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में 75 पार का नारा दिया है। जबकि भाजपा, कांग्रेसियों के इस नारे को हवा-हवाई बता रही है। मतदान के बाद भाजपा के सीनियर नेता सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। वहीं कांग्रेस भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा कर रही है। प्रदेश में अभी तक कोई एग्जिट पोल नहीं आया है मगर मतदाताओं के रूझान के आधार पर कड़े मुकाबले की चर्चा चल रही है। भाजपा ने 55 सीटें जीतने की बात कही है। हालांकि उसके नेता 46 से 49 के बीच सीटें आने की बातें भी कह रहे हैं।

इस बार छत्तीसगढ़ में मुकाबला वाकई जोरदार रहा है। यहां तक कि राज्य की अफसरशाही, जो पहले से ही नतीजों की सटीक भविष्यवाणी करती रही है, वह भी इस बार असमंजस में है। इसकी वजह यह है कि दोनों ही दलों को 35 या इसके आसपास सीटें मिलना तो तय है। वहीं करीब 20 ऐसी सीटें भी है, जहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है। हालात यह है कि ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है। यही वजह है कि दोनों दलों को अपने लिए संभावनाएं नजर आ रही है। इस विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अलावा भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समेत कुछ और स्थानीय दलों ने चुनाव में भाग्य आजमाया है। दोनों प्रमुख दलों के अलावा बाकी पार्टियों के प्रत्याशी किसके वोट काट रहे हैं, इस पर भी कयासों का दौर जारी है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 व 17 नवम्बर को मतदान हुआ, जबकि मतगणना 3 दिसम्बर को होनी है। क्योंकि इस बार क्लोस फाइट के हालात है, इसलिए दोनों ही दलों को 3 दिसम्बर का बेसब्री से इंतजार है।
दोनों दलों ने कहा,- नहीं पड़ेगी जोड़-तोड़ की जरूरत
इधर, दोनों ही दलों के प्रादेशिक शीर्ष नेता दावा कर रहे हैं कि उन्हें पूर्ण बहुमत मिलना तय है, इसलिए तोड़-तोड़ की जरूरत ही नहीं होगी। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में भी जोड़-तोड़ की कोशिश की थी मगर वहां वे सफल नहीं हो पाए। पहली बात तो यह है कि हमारी पार्टी का हर विधायक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और दूसरी बात हम इतनी बड़ी संख्या में विधायकों के साथ दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं कि भाजपा का कोई भी षडयंत्र नहीं चलने वाला है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. रमन सिंह ने साफतौर पर कहा कि उनकी पार्टी को किसी भी तरह के जोड़ तोड़ की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को तैयार है। डॉ. रमन के मुताबिक, पीएम मोदी की गारंटियों को प्रदेश वासियों ने सहर्ष स्वीकार किया है। लोगों को भाजपा के 15 वर्षों का सफल कार्यकाल भी याद है।
इन 10 सीटों पर आएंगे सबसे पहले नतीजे, दुर्ग जिले की 3 सीटें शामिल
छत्तीसगढ़ में आम से लेकर खास तक सभी को 3 दिसंबर का इंतजार है। 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित होंगे। विधानसभा चुनावों के लिए प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। ऐसे में लोगों में उत्सुकता है कि सबसे पहले किस विधानसभा सीट का रिजल्ट आएगा। राज्य की ऐसी 10 सीटें हैं, जहां सबसे पहले नतीजे घोषित होंगे। इनमें दुर्ग जिले की 3 सीटें भी शामिल है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान हुए हैं। पहले फेज के लिए 20 सीटों पर 7 नवंबर और दूसरे फेज के लिए 70 सीटों पर 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी। विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में कुल 24137 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। वहीं, वोटों की काउंटिंग कुल 1724 राउंड में होगी। वोटिंग के बाद ईवीएम को कड़ी निगरानी में स्ट्रॉग रूम में रखा गया है। कई विधानसभा सीटों पर कांग्रेस कार्यकर्ता भी मतगणना स्थल की पहरेदारी के लिए शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू होगी। मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट का रिजल्ट सबसे पहले आएगा। मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट में वोटों की गिनती सबसे पहले होगी क्योंकि यहां गिनती 11 राउंड में होगी। उसके बाद भिलाई नगर विधानसभा सीट में 12 राउंड में गिनती होगी। मनेन्द्रगढ़ और भिलाई नगर के अलावा रायपुर उत्तर, बस्तर, दुर्ग शहर, पामगढ़, जांजगीर-चांपा, दुर्ग ग्रामीण, बिलासपुर और राजनांदगांव विधानसभा सीट के रिजल्ट सबसे पहले आएंगे।छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की जिन सीटों का रिजल्ट सबसे पहले आएगा, उनमें से कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिसमें बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव मैदान में हैं। राजनांदगांव से पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से ताम्रध्वज साहू, जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट से बीजेपी नेता नारायण चंदेल चुनाव मैदान में हैं।