बिलासपुर। डीजे के कारफोडू सांउड को लेकर हाईकोर्ट सख्त दिख रहा है। उत्सव के नाम पर जगह जगह डीजे बजाकर लोगों को परेशान करने वालों के खिलाफ सरकार ने अब तक क्या एक्शन लिया इसका एक हलफनामा प्रस्तुत करने हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। इस मामले को हाईकोर्ट ने स्वत: ही संज्ञान में लेकर सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने माना है कि ध्वनि प्रदूषण रोकने में सरकार के जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह बेअसर हैं।
बता दें त्योहारी सीजन में कानफोडू डीजे के कारण लोगों की जान पर बन आई है। डीजे लेकर सड़कों पर विसर्जन यात्रा निकालने वालों को कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। डीजे के कारण बच्चों व बुजुर्गों पर विपरीत असर पड़ता है। इस मामले को मुख्य न्यायाधिपति द्वारा स्वतः संज्ञान में लेते हुए विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण WPPIL 88/2023 दर्ज कर सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट द्वारा इस विषय पर दिये गये पूर्व के आदेशों का उल्लेख करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया है ।
मुख्य न्यायाधिपति ने माना कि ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति से स्पष्ट है जिम्मेदार राज्य अधिकारियों की ओर से एक अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है। ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने में कोई भी प्रयास करने में विफल रहे हैं । सर्वोच्च न्यायालय के साथ साथ इस न्यायालय द्वारा विभिन्न आदेश निर्देश पारित करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। युगल पीठ ने नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ सरकार को इस मामले में उत्सवों के अवसरों के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों व डीजे द्वारा उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों के संबंध में एक विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
