मानसून के दौरान हवा में तैरने वाले विभिन्न हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के कारण अस्थमा से पीडि़त लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से बारिश पौधों के विकास को बढ़ावा देती है। इसके परिणामस्वरूप हवा में परागकण की मात्रा अधिक हो जाती है, जो अस्थमा को ट्रिगर करने का एक प्रमुख कारण है। इससे अस्थमा रोगियों के सामने आने वाले खतरे और बढ़ सकते हैं। ऐसे में उन्हें इन 5 तरीकों आजमाकर खुद का ख्याल रखना चाहिए।
गर्म तासीर वाली खान-पान की चीजें खाएं
मानसून के दौरान अस्थमा रोगियों को ऐसी गर्म तासीर वाली खान-पान की चीजों का सेवन करना चाहिए, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में भी सहायक हो। पेय के लिए आप अदरक चाय, मसाला चाय और हल्दी दूध को डाइट में शामिल कर सकते हैं जबकि खाने में लहसुन, अदरक, दालचीनी, लौंग और तेजपत्ता जैसी सामग्रियों से बने व्यंजन खाएं। मानसून के दौरान अस्थमा रोगियों के लिए भुनी शकरकंद, इडली, डोसा और अंडा खाना भी फायदेमंद हो सकता है।
भाप लें
भाप लेने से अस्थमा रोगियों को वायुमार्ग को खोलने में मदद मिल सकती है और सांस लेना आसान हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले साफ पानी उबालें और उसमें जीरा, तुलसी के पत्ते और नीलगिरी का तेल डालें। इसके बाद अपने सिर को किसी कपड़े से ढककर अपने मुंह को भाप वाले बर्तन के पास लाएं और भाप लें। 5-10 मिनट तक या जब तक आपकी सांस लेने में सुधार न हो जाए, इस प्रक्रिया को दोहराएं।
एसी के एयर फिल्टर को करें साफ
बारिश के मौसम में उमस बढ़ जाती है, जिसके कारण लोग एसी का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अस्थमा रोगी इसका इस्तेमाल करते हैं तो समय-समय पर इसके फिल्टर को साफ करते रहें। समय के साथ धूल, गंदगी फिल्टर में जमा हो जाती है, जिससे इसकी हवा से प्रदूषक कण घर में फैल जाते हैं और उनसे अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ सकती है। फिल्टर को साफ करने या बदलने से आप घर में बेहतर वायु गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं।
अपने आसपास सफाई रखें
धूल और नमी से बचने के लिए अपनी चादरें नियमित रूप से बदलें। धूल के कण और कीटाणुओं से छुटकारा पाने के लिए तकिए और उनके कवर को हर हफ्ते गर्म पानी से धोएं। अगर संभव हो तो घर के फर्श से कालीन और रग्स हटा दें क्योंकि उन पर फफूंद और नमी जमा हो सकती है। अगर आप उन्हें हटा नहीं सकते तो उन्हें सप्ताह में कम से कम 2 बार वैक्यूम से साफ करें।
पालतू जानवरों से दूरी बनाएं
अगर आपको अस्थमा या एलर्जी है तो पालतू जानवरों वाले घरों में जाने से बचना चाहिए। हालांकि, अगर आपके पास पहले से ही एक बिल्ली या कुत्ता है तो उनकी आवाजाही को घर के एक क्षेत्र तक ही सीमित रखें। दरअसल, उनके बाल और त्वचा के कण के संपर्क में आने से आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती हैं। जानवरों के बाल अस्थमा और एलर्जी का एक आम कारण है।