भिलाई । 15 दिनों की बारिश से छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जलाशय लबालब हो चुके हैं और छलकने को बेताब लगे है। इस साल हुई वर्षा को बांधों में जलभराव के लिहाज से संतोषजनक बताया जा रहा है। इधर, एक ओर जहां राज्य के कई इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है तो दूसरी ओर कई क्षेत्रों में औसत से कम वर्षा हुई है।
मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक, सरगुजा में औसत से 63 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इसके बाद बेमेतरा में 56 फीसद कम वर्षा हुई है। दुर्ग व आसपास के इलाकों में बादल 21 फीसद कम बरसें हैं। जून-जुलाई के 15 दिनों की बारिश में छत्तीसगढ़ के बड़े जलाशयों में लबालब पानी भर चुका है। जल संसाधन विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 12 बड़े बांधों में से गंगरेल, मिनीमाता बांगो, दुधावा, तांदुला, सिकासर, सोंढूर, खरंग, मनियारी आदि बांधों में जल स्तर आधे से ज्यादा भर चुका है। धमतरी के सोंढूर में सबसे अधिक 86 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
प्रदेश में कुल 41 छोटे-बड़े बांधों में जल स्तर की स्थिति पर गौर करें तो सभी बांधों में औसत 60 प्रतिशत से अधिक पानी भर चुका है। सिर्फ बिलासपुर के अरपा भैसाझार, रायगढ़ के केलो और महासमुंद के कोडार में जलस्तर 40 प्रतिशत से कम है। अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के अन्य बांधों में जल स्तर बेहतर है। जुलाई महीने की बारिश में ही प्रदेश के बड़े बांधों का जल स्तर संतुष्टिजनक है। कई जिलों में जुलाई महीने में लगातार बारिश ने वर्ष 2021 और 2022 का रिकार्ड भी तोड़ दिया है।

प्रदेश के कई जिलों में औसत से कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक बस्तर में -34 प्रतिशत, सरगुजा में -63 प्रतिशत, नारायणपुर में -41 प्रतिशत, कांकेर में -36 प्रतिशत,कबीरधार, जशपुर, जांजगीर में -40 प्रतिशत, दुर्ग में -21 प्रतिशत और बेमेतरा में – 56 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।