भिलाई। भिलाई-चरोदा नगर निगम में एल्डरमेन की नियुक्ति के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। निगम के 8 एल्डरमेन की नियुक्ति विवादों में फंस गई है। इसके पीछे चौंकाने वाली वजह भी सामने आई है। दरअसल भिलाई चरोदा निगम में एल्डरमेन की नियुक्ति को लेकर नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा एक लिस्ट जारी की गई, जिसमें भिलाई चरोदा व बीरगांव निगम के एल्डरमेन की नियुक्ति की गई थी। भिलाई निगम में 8 एल्डरमेन की नियुक्ति को लेकर सभी समाचार पत्रों में खबर भी प्रकाशित हुई लेकिन ताजा मामले में जानकारी सामने आई है कि नियुक्ति का यह आदेश निरस्त कर दिया गया है और कुछ संसोधन के साथ दोबारा सूची जारी की जाएगी।
बता दें भिलाई- चरोदा नगर निगम के लिए 8 एल्डरमैन के नाम की सूची 5 सितंबर को सामने आई थी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर सचिव राकेश साहू के हस्ताक्षर से जारी सूची के अनुसार जी. जगदीश्वर राव, रीना विश्वास, संजय साहू, छन्नू बंजारे, गोपेंद्र उर्फ पप्पू चन्द्राकर, धर्मेंद्र कोसरे और कमलेश कुमार साहू को एल्डरमैन नियुक्त किया गया है। नियुक्ति संबंधी आदेश सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ। भिलाई चरोदा में एल्डरमेन की नियुक्ति के एक माह बाद भी इनका शपथ ग्रहण नहीं हुआ। इसे लेकर नई जानकारी सामने आ रही है कि सरकार से इस सूची में संशोधन के लिए नियुक्ति आदेश को होल्ड किया है और संसोधन के बाद फिर से आदेश को जारी किया जाएगा।

सूची पर आपत्ति पर अटका मामला
बताया जाता है भिलाई चरोदा निगम में एल्डरमेन की सूची जारी होने के बाद विवाद शुरू हो गया। जारी सूची में स्थानीय विधायक मंत्री के चहेतों को जगह नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ने की बात सामने आई है। यह भी कहा जा रहा है कि महापौर निर्मल कोसरे ने अपने चहेतों को एल्डरमेन बना दिया है। यहां तक की महापौर के भाई धर्मेन्द्र कोसरे का नाम भी बातौर एल्डरमेन सूची में शामिल था। सूची में मनवा कुर्मी समाज के एक भी प्रतिनिधि का नाम नहीं होना भी विवाद कारण बना। बताया जाता है इस सूची को लेकर कुछ स्थानीय नेताओं ने सीधे मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी और इसके बाद ही एल्डरमेन की नियुक्ति को होल्ड किया गया है।

न नियुक्ति आदेश पहुंचा और न निरस्त किया हुआ आदेश् आया हाथ में
एल्डरमेन की नियुक्ति को लेकर महापौर निर्मल कोसरे का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि एल्डरमेन की नियुक्ति की गई है। हमारे पास नगरीय प्रशासन विभाग को कोई आदेश नहीं आया है। रही बात आदेश को निरस्त किए जाने की तो उसकी जानकारी नहीं है। निगम को न नियुक्ति का आदेश मिला है और न की निरस्त किए जाने की जानकारी वाला आदेश। इसलिए इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
यह है नगरीय निकाय प्रशासन द्वारा जारी नियुक्ति का आदेश
