सीआईएसएफ के जवानों पर आरोप, ग्रामीणों को रास्ते में रोककर पीटा गया
कोरबा। छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य एक ओर देश में कोयले की बढ़ती जरूरत से जुड़ा है तो दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण और लाखों आदिवासियों की जीविका से भी जुड़ा मामला है। देश के सबसे घने जंगलों में एक छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में माइनिंग के लिए पेड़ काटे जाने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। हसदेव को बचाने देशभर से आवाज उठ रही है। पेड़ों की कटाई मामले में हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट तक भी मामला पहुंच गया है। नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी ने भी छत्तीसगढ़ से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। क्षेत्र के आदिवासी पेड़ कटाई का विरोध कर रहे हैं। पेड़ों की रखवाली कर रहे हैं। इस बीच जंगल उजाड़कर खनन की अनुमति, जमीन अधिग्रहण और फिर खदान से कोयला निकालने का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है वहीं सीआईएसएफ के जवानों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं, यहां के लोगों ने जवानों पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि हम अपने काम से कहीं जा रहे थे। इस दौरान हमें बीच रास्ते में रोककर पीटा गया है।
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक व हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य आलोक शुक्ला ने ट्विटर एकाउंट पर कोयले से जुड़ा एक पोस्ट किया है, जिसमें एक खदान से लोग कोयला निकाल रहे हैं। आलोक शुक्ला ने ट्विटर हैंडल पर लिखा है- इसमें अधिकतर वो लोग हैं जिन्होंने अपनी जमीन कोयला खनन के लिए दी होगी। राज्य और केंद्र की सरकार ने मिलकर शत-प्रतिशत लोगों को कोयला बेचने का रोजगार दिया है। वीडियो कोरबा जिले के गेवरा कोयला खदान का है। खनन के लिए अपनी जमीन देकर ऐसा विकास ही तो हसदेव के आदिवासी नहीं चाहते।

यह दृश्य है एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का…
— Om Prakash Choudhary (@OPChoudhary_Ind) May 18, 2022
छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित गेवरा माइंस का…
संगठित माफिया राज का खुल्ला खेल…
हजारों मजदूरों और सैकड़ों गाड़ियों से खुल्लम खुल्ला कोयले की चोरी…
सब कुछ अति की सीमा को पार चुका है हमारे छत्तीसगढ़ में ….
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एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का नजारा : चौधरी
इसी वीडियो को पूर्व आईएएस और भाजपा नेता ओपी चौधरी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने ट्विटर हैंडल पर लिखा यह दृश्य है एशिया के सबसे बड़े कोल माइंस का है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्थित गेवरा माइंस में संगठित माफिया राज का खुल्ला खेल रहा है। हजारों मजदूरों और सैकड़ों गाडिय़ों से खुल्लम खुल्ला कोयले की चोरी हो रही है। हमारे छत्तीसगढ़ में सब कुछ अति की सीमा को पार चुका है। यह वीडियो सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें हजारों मजदूर खदान से बोरियों में खुलेआम कोयला निकालकर गाडिय़ों में लोड कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी द्वारा जांच के आदेश देने की भी चर्चा है। उन्होंने एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट प्रभारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।


कोयला चोरी मामला: सीआईएसएफ के जवानों पर आरोप, ग्रामीणों के साथ की गई मारपीट
छत्तीसगढ़ के कोरबा में सीआईएसएफ के जवानों पर गंभीर आरोप लगे हैं। यहां के लोगों ने जवानों पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि हम अपने काम से कहीं जा रहे थे। इस दौरान हमें बीच रास्ते में रोककर पीटा गया है। मारपीट में एक शख्स घायल भी हुआ है। बताया गया कि ये जवान गुरुवार को खदानों में हो रही चोरी के मद्देनजर आस-पास के गांव में गश्त पर निकले थे। इसी दौरान उन्होंने मारपीट की है। ऐसे आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
दरअसल, एशिया के सबसे बड़े खदान कहे जाने वाले दीपका-गेवरा माइंस से कोयला चोरी का वीडियो सामने आया है। वीडियो में हजारों की संख्या में ग्रामीण यहां से कोयला चोरी करते नजर आ रहे है। वीडियो आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। वहीं सीआईएसएफ की भूमिका भी सवालों के घेरों में है। इस खदान में सीआईएसएफ के पास ही सुरक्षा की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीण खदान पहुंचे और खुलेआम कोयला लेकर निकल गए थे। इस बिंदू पर भी बिलासपुर रेंज के आईजी ने जांच के आदेश दिए हैं।
खदान के सुरक्षा के जिम्मेदारी सीआईएसएफ के हाथों में ही है।
इस बीच गुरुवार को सीआईएसएफ के जवान गेवरा माइंस के आसपास के गांव की सड़कों पर गश्त कर रहे थे। भटोरा गांव के पास भी जवान गए थे। बड़ी संख्या में जवान रोड से पैदल मार्च करते आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने उन पर मारपीट का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि हम अपने काम से यहां से जा रहे थे। मगर बिना किसी कारण के हमें पीटा गया। हमने उनसे पूछा तो भी हमें नहीं बताया गया।

नत्थू सिंह के चेहरे के अलावा शरीर के कई हिस्सों में चोट आई है।
नत्थू सिंह मरकाम नाम के शख्स ने बताया कि वह शादी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहा था। उस दौरान रोड पर काफी भीड़ थी। मैं भी जब वहां गया तो मुझे भी पीटा गया है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जवानों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। मारपीट में नत्थू सिंह को शरीर में कई जगह पर चोटें आई हैं। इधर, इस मामले में जवानों से भी बात करने की कोशिश की गई, तब उनसे बातचीत नहीं हो सकी है।