बीजापुर। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बीजापुर में एक जिद की है। बल की 165वीं बटालियन के जांबाज उस जिद को पूरा भी कर रहे हैं। ये जिद थाना नेलसनार के अंतर्गत इंद्रावती नदी पर बन रहे पुल को लेकर है। नक्सलियों ने इस पुल का निर्माण कार्य बाधित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। पुल के भूमि पूजन से लेकर अब तक वहां दर्जनों ‘इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस आईईडी’ मिल चुकी हैं। नक्सलियों द्वारा मजदूरों पर हमला कर दिया जाता है। उपकरणों को नष्ट करने का प्रयास होता है। इन सबके बावजूद सीआरपीएफ ने 640 मीटर लंबे पुल का 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा करा दिया है। गुरुवार को भी नक्सलियों ने पुल का काम बाधित करने के मकसद से पांच किलोग्राम की एक आईईडी लगा दी थी, जिसे सीआरपीएफ ने बीजापुर पुलिस के सहयोग से निष्क्रिय कर दिया।

सड़क निर्माण से नक्सली बौखलाए
जिला बीजापुर के थाना नेलसनार के अंतर्गत इंद्रावती नदी पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। इस पुल के बनने से आसपास के सैंकड़ों गांवों के लोगों को फायदा होगा। निकटवर्ती शहर या कस्बों में जाने के लिए लंबा चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। इंद्रावती नदी के उत्तर में अबूझमाड़ का इलाका पड़ता है। इसे माओवादियों का गढ़ कहा जाता है। दक्षिण में सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन का कैंप ‘पुंडरी’ है। इस पुल के बनने के बाद भैरमगढ़ को सीधे नारायणपुर से जोड़ा जा सकेगा। बाढ़ आने के बाद यहां के गांव मुख्य मार्ग से कट जाते थे। पुल बनने से उन्हें बहुत फायदा होगा। हालांकि इस सड़क के निर्माण से नक्सली बुरी तरह से बौखलाए हुए हैं।

मजदूरों पर किया था हमला
सूत्रों के अनुसार, दिसंबर 2020 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। उसके बाद से लेकर अब तक नक्सली कई हमले कर चुके हैं। कभी तो वे प्रेशर आईईडी लगा देते हैं तो कभी एंटी हैंडलिंग आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। उनका मकसद, किसी भी तरह से पुल के निर्माण कार्य को बाधित करना है। उन्हें मालूम है कि इस पुल के बनने से आसपास के लोगों के लिए विकास की एक नई राह खुल जाएगी। बेहतर कनेक्टिीविटी मिल जाएगी। जब इस पुल का भूमि पूजन हो रहा था तो उस वक्त सीआरपीएफ व बीजापुर पुलिस ने चार आईईडी बरामद की थीं। नक्सलियों ने पुल के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों पर हमला किया है। सीआरपीएफ ने अब मजदूरों को विशेष सुरक्षा प्रदान की है। बल के जवान 24 घंटे यहां पर तैनात रहते हैं। पुल के निर्माणकार्य में काम आने वाली मशीनों को सीआरपीएफ ने अपने कैंप में रखवा लिया है। जब उन मशीनों का काम होता है, तो लेबर उन्हें ले जाती है। गुरुवार को मिली प्रेशर कुकर आईईडी को बीडीएस टीम द्वारा मौके पर ही निष्क्रिय कर दिया गया।
