मिशन-2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी, डॉ. रमन सहित कई नेताओं को दिल्ली बुलाया
रायपुर। छत्तीसगढ़ में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन खैरागढ़ उप चुनाव में कांग्रेस से मिली हार ने भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी की दशा और दिशा सुधारने हाईकमान ने प्रदेश संगठन के बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। विधानसभा के बाद नगरीय निकाय और उप चुनावों में भाजपा की हार का असर चुनावी कमान संभाल रहे दिग्गज नेताओं पर पड़ता दिख रहा है। वहीं प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल भी 90 विधानसभा क्षेत्रों सरकार की कामकाज की समीक्षा कर फीडबैक लेेंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में रिपोर्ट के आधार पर रणनीति बनाएंगे।
आंतरिक सर्वे में कांग्रेस के 71 में से 35 विधायकों की स्थिति चिंताजनक
छत्तीसगढ़ में चुनावी मिशन से पहले प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल मैदान में उतरकर प्रदेश सरकार की जमीनी हकीकत को देखेंगे। सीएम चार मई से प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में बारी-बारी जाएंगे और कामकाज और कांग्रेस संगठन की टोह भी लेंगे। लेकिन इस कार्यक्रम के पहले आई राज्य के कांग्रेस विधायकों की परफार्मेंस रिपोर्ट ने बघेल की चिंता को बढ़ा दिया है। आंतरिक सर्वे में 71 में से 35 विधायकों की स्थिति को बेहद ही चिंताजनक पाया गया है। सीएम ने खराब प्रदर्शन वाले विधायकों को दो टूक नसीहत देते हुए कहा कि जिनका परफार्मेंस बेहतर नहीं है, उन सभी विधायकों को आत्मावलोकन करना होगा। विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है, ऐसे में वे बेहतर कार्यप्रणाली से अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर गई हैं। प्रदेश प्रभारी रायपुर से लेकर बस्तर तक की रिपोर्ट संगठन को सौंपी है, जिसमें संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत पर बल दिया गया है। दरअसल, भाजपा हाईकमान ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय और महामंत्री (संगठन) पवन साय को दिल्ली बुलाया है।

सीएम बघेल ने भी समय-समय पर कसा तंज
मिली जानकारी के मुताबिक गुटबाजी की वजह से संगठन में एकता नहीं है। कई गुटों में नेता बंटे हुए हैं। कोई भी बड़े आयोजनों में नेताओं का नहीं आना भी सुर्खियों में रहता है। राजधानी रायपुर से लेकर दुर्ग, बस्तर, बिलासपुर व सरगुजा तक कई गुटों में नेता बंटे हुए हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी व सीएम भूपेश बघेल भी समय-समय पर इस पर तंज कसते रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल तो कई बार यहां तक कह चुके हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को प्रदेश संगठन पर भरोसा नहीं है। राष्ट्रीय नेतृत्व यहां के भाजपा नेताओं से किनारा करने लगे हैं। प्रदेश प्रभारी भी स्थानीय नेताओं को तवज्जों नहीं देती।
संगठन की गतिविधियां ठप
सूत्रों के मुताबिक, बस्तर, सरगुजा व दुर्ग संभाग के दौरे के बाद यह पाया गया कि ज्यादातर जिलों में कामकाज संतोषजनक नहीं है। संगठन की गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। इस पर राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) शिवप्रकाश ने चिंता जताई थी। इन सबके चलते पार्टी हाईकमान बैठक बुलाने को मजबूर हो गया है। चर्चा है कि बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रोड मैप तैयार किया जा सकता है। संगठन में आमूलचूल परिवर्तन पर भी मंत्रणा की जा सकती है। यही नहीं, कुछ बड़े नेताओं के कार्यक्रम भी तय किए जा सकते हैं। विशेषकर बस्तर और सरगुजा संभाग पर फोकस किया जाएगा।

भिलाई में अचानक पहुंचे थे संगठन मंत्री, गुटबाजी को लेकर फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा
सोमवार को प्रदेश भाजपा संगठन के मंत्री पवन साय के सामने भिलाई के भाजपा कार्यकर्ताओं का गूस्सा फूट पड़ा। यहां हुडको में भाजपा नेता लल्लन मिश्रा के घर पहुंचे पवन साय के पहुंचने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उनसे मिलने पहुंच गए। इस दौरान पवन साय के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी दिखाई। इनकी यह नाराजगी यहां पनप रही गुटबाजी के कारण दिखी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सीधे राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय का नाम लेते हुए उनके ही लोगों को तवज्जों दिए जाने का आरोप लगा दिया।
बता दें भाजपा संगठन में बीते कुछ वर्षों से राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय के समथकों का वर्चस्व दिख रहा है। संगठन की सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां इन्हें मिल रही हैं। दो दिन पहले मंडल प्रभारियों व सह प्रभारियों की नियुक्ति में भी भी यह देखा गया कि केवल और केवल सांसद सरोज पाण्डेय के समर्थकों को ही जिम्मेदारियां दी गई। इसमें न तो पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय के समर्थक दिखे और न ही सांसद विजय बघेल के समर्थकों को तवज्जो दी गई। पहले से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी मंडल प्रभारियों की सूची जारी होने के बाद और बढ़ गई।
भिलाई में कमजोर हो रहा संगठन
कार्यकर्ताओं ने पवन सहाय के सामने गुटबाजी को लेकर कई बातें रखी। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भिलाई में लगातार भाजपा संगठन कमजोर हो रहा है। इसके पीछे गुटबाजी बड़ा कारण है। यहां तीन नेताओं के अपने-अपने समर्थक बन गए हैं। एक नेता के पास जाओ तो दूसरा नेता नाराज हो जाता हैं। दूसरे के पास जाओ तो तीसरा नेता नाराज हो जाता है। इस तरह भाजपा यहां तीन अलग-अलग गुटों में काम कर रही है जिसके कारण लगातार पार्टी को नुकसान हो रहा है।
संगठन कम और समितियां ज्यादा
संगठन मंत्री पवन सिंह ने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की बात कही लेकिन कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि यहां भाजपा संगठन कम और समितियों में ज्यादा बढ़ गई है। सभी अपने-अपने समितियां बनाकर चल रहे हैं। जो थोड़े बहुत बच गए हैं उनके लिए करने को कुछ नहीं रह गया है। बीते नगर निगम चुनाव के दौरान भी गुटबाजी के कारण भारतीय जनता पार्टी को बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी गुटबाजी का असर देखने को मिल सकता है।
एक गुट को दी जा रही है तवज्जो
कार्यकर्ताओं ने पवन साय के सामने एक गुट विशेष को तवज्जो दिए जाने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने एक कद्दावर नेत्री की ओर इशारा करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि यहां सभी प्रमुख पदों पर एक गुट का राज है। जिसके कारण बाकी कार्यकर्ताओं में नाराजगी पनप रही है। इसे लेकर यदि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो धीरे-धीरे भाजपा संगठन पूरी तरह से बिखर जाएगा। कार्यकर्ताओं ने इशारों इशारों में गुट विशेष का जिक्र भी किया जिसके कारण भिलाई में भाजपा की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है।