दुर्ग। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। रायपुर स्थित सीएम निवास में वोरा ने श्री बघेल से 22 अप्रैल को होने वाले विकास कार्यो के संबंध में लंबी चर्चा की। इधर अधिकारियों से वोरा ने कहा है कि 2 मई से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाली एजेंसियां यह सुनिश्चित कर लें कि विकास योजनाओं का पेंडिंग वर्क ज्यादा से ज्यादा निबटा लिया जाए।
वोरा ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री के आगमन से पहले पीडब्लूडी विभाग के अफसर प्रमुख मार्गों का डामरीकरण जरूर कराएं। इसके अलावा अमृत मिशन योजना का कार्य भी तत्काल पूरा किया जाना चाहिए। वोरा ने कहा कि वोरा ने कहा कि 64 करोड़ की लागत से जीई रोड का उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य के तहत जीई रोड का डामरीकरण सीएम के आगमन से पहले पूरा किया जाए। 12 करोड़ की लागत से प्रकाश व्यवस्था के लिए लाइट लगाने का काम भी तत्काल पूरा किया जाए। जीई रोड के उन्नयन और सौंदर्यीकरण कार्य के कारण सड़क पर धूल उड़ रही है। रात के समय अंधकार रहता है जिसके कारण आवाजाही करने वाले नागरिकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। डामरीकरण और लाइट लगाने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आकस्मिक दौरे से पहले पूरा कर लिया जाना चाहिए।

वोरा ने कहा कि पिछले एक साल से ज्यादा समय से 10 करोड़ की लागत से बोरसी.रुआंबांधा रोड के डामरीकरण कार्य काफी सुस्त चाल से हो रहा है। इस रोड के निर्माण के साथ ही हाल ही में 9 करोड़ 34 लाख की लागत से प्रारंभ किये गए राजेंद्र चौक से जेवरा सिरसा चौक तक डामरीकरण कार्य का बचा काम भी फिनिशिंग के साथ पूरा किया जाना चाहिए। वोरा ने कहा कि 153 करोड़ की लागत से अमृत मिशन योजना का काम भी काफी पहले पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन यह काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा किया जाए।

वोरा ने अधिकारियों को 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारियां करने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं का काम अभी अधूरा है, उन सभी कार्यों को लोकार्पण से पहले शतप्रतिशत पूरा किया जाए। वोरा ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि अधूरे कार्यों को तत्काल पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी तरह की लापरवाही या चूक नहीं होनी चाहिए।