रीवा (एजेंसी)। इस साल आमों के पेड़ों में लगे बौर तेज गर्मी की वजह से झुलस गए हैं। आम की पैदावार पर मौसम की मार का बड़ा असर देखने को मिलेगा। इसबार पेड़ों में बौर तो आए थे लेकिन तेज गर्मी के चलते वो फल बनने से पहले ही झुलस गए। इसलिए इस बार आम की पैदावार कम होने की उम्मीद है और आमों के शौकीनों को मंहगे दामों पर आम खरीदना पड़ेगा।
फलों का राजा इस बार आम नहीं रहेगा क्योंकि इसकी पैदावार पर मौसम की मार पड़ी है। पेड़ों में बौर तो आए लेकिन तेज गर्मी की वजह से ये फल बनने से पहले ही झुलस गए। आम के वृक्षों पर जिस तरह बौर आया था, उससे अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी। आम उत्पादकों ने भी अच्छे मुनाफे का सपना देखना शुरू कर दिया था। लेकिन तापमान इस कदर बढ़ा कि सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। आमतौर पर मार्च माह के अंत तक फ्रूट सेटिंग हो जाती थी और बौर फल के रूप में दिखने लगते थे लेकिन इस बार तो अप्रैल माह का आधा महीना बीत चुका है उसके बाद भी पेड़ो में फल नहीं दिख रहे।

इस बार महंगा मिलेगा आम
रीवा जिले में आम के 3 लाख से ज्यादा वृक्ष है। यहां का आम दूसरे प्रदेशों में भी जाता है। आम के पेड़ों में फल लगते ही पक्षियों को भी भोजन मिलने लगता था और इससे तमाम लोगों का भरण-पोषण भी होता है। लेकिन इस बार आम की पैदावार कम होने से आम की मिठास महंगी होगी। स्थानीय स्तर पर आम का उत्पादन कम होने की वजह से पूरी तरह से बाहरी आम पर निर्भरता रहेगी जो ज्यादा दाम पर मिलेगा। इस बार जिस तरह से आम का उत्पादन है उससे इसका रोजगार करने वालों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके साथ ही आम के शौकीनों को मंहगे दामों पर आम लेकर खाना पड़ेगा।
