रूस एवं यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध तथा विश्व के अनेक देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण अब वहां पर भारतीय सामान की मांग तेजी से बढ़ी है। भारत के लिए अपने उत्पादों का रूस में बाजार बनाने का यह एक बड़ा अवसर भी है। अब तक रूस को बढ़ी हुई मात्रा में सामान, अमेरिका, इंग्लैंड तथा यूरोपियन देशों द्वारा सप्लाई किया जाता था। अब पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। कोई भी देश रूस को सामान नहीं भेज रहा है। इस स्थिति के मद्देनजर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से रूस के अनेक व्यापारिक संस्थानों ने भारतीय सामान के लिए संपर्क किया है। कैट के पदाधिकारियों का कहना है कि भारत के व्यापारी भी रूस को भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के लिए बेहद इच्छुक हैं।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, रूस में भारतीय उत्पादों की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। प्रथम चरण में फ्रूट जैम एवं जैली, कॉर्नफ़्लेक्स, मूसली, चाय, कॉफ़ी पाउडर, चीनी, नमक एवं काली मिर्च के पाउच की मांग आ रही है। इनके अलावा मिल्क पाउडर, फल, सब्जी, चीज, पास्ता का सामान, मक्खन, फ्रूट ड्रिंक, सूप का सामान, मसाले, शहद, बिस्किट्स, अचार, फ्रोजन स्नैक्स, खाद्यान, कैचप, ओट, रेडीमेड खाना, ब्रेड, चावल, बींस, कॉर्नफ्लोर पाउडर, सूप स्टिक्स व आलू के चिप्स आदि सामान की विभिन्न पैकिंग में तुरंत आवश्यकता है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, अप्रैल 2020 से मार्च 2021 में भारत एवं रूस के बीच कुल 8.1 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें भारत से रूस को निर्यात 2.6 बिलियन डॉलर का रहा था। वहीं रूस से आयात 5.48 बिलियन डॉलर का रहा है। वर्तमान हालात में भारत से रूस को निर्यात करने वाले सामान का आंकड़ा तेजी से बढ़ा सकते हैं। रूस ने अपने कुछ गिने चुने बैंकों को आयात करने के लिए अधिकृत किया है। सभी तरह के उत्पादों का भुगतान डॉलर के स्थान पर रूस की करेंसी ‘रूबल’ से किया जाएगा। इस समय भारतीय उत्पादों के लिए रूस एक बड़ा बाजार साबित होता जा रहा है। कैट, इस मामले में भारतीय निर्माताओं एवं व्यापारियों तथा रूस के व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम करेगा।

दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया, रूस एवं भारत ने स्विफ्ट जैसे एक पेमेंट प्लेटफार्म पर अपना कार्यक्रम पूर्ण कर लिया है। यह नया पेमेंट सिस्टम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एवं रूस के वीईबी जो रूस का डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन है, के मुख्यालय पर स्थापित होगा। यह नया पेमेंट सिस्टम अगले कुछ दिनों में शुरू होने की संभावना है। इसकी मदद से आयात एवं निर्यात के दस्तावेजों का रुपये एवं रूबल में निस्तारण हो सकेगा। खंडेलवाल के मुताबिक, इस विषय पर कैट ने देश के सभी राज्यों के चैप्टर को रूस से प्राप्त इस पहली सूची पर काम करने का आग्रह किया है। इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा भारतीय निर्माता एवं व्यापारी बढ़ी मात्रा में रूस को अपने उत्पाद भेज सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कैट ने रूस के अपने संपर्कों से यह भी कहा है कि भारत के अन्य उत्पाद जैसे फुटवियर, खिलौने, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, अन्य खाद्यान्न, बिल्डर हार्डवेयर, कागज एवं स्टेशनरी, कंप्यूटर का सामान, चश्मे, साइकिल पार्ट्स और ऑटो पार्ट्स, जैसे अन्य उत्पादों की मांग के बारे में जानकारी दी जाए।