बिलासपुर। भारतीय खाद्य निगम किसानों की उपज व उसके उपभोक्ताओं के समुचित रखरखाव व लाभार्थियों तक उसके पहुंचाव को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके लिए हरसंभव वैज्ञानिक व पारदर्शितापूर्ण पद्धति का उपयोग किया जा रहा है। निगम भारत सरकार के लक्ष्य एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी के लिए पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। इसके लिए भंडारण व्यवस्था को वैज्ञानिक पद्धति से दुरूस्त किया जा रहा है। ये बातें गुरूवार को एफसीआई के करगीरोड कोटा स्थित विशिष्ट सुविधाओं से लैस गोदाम में छत्तीसगढ़ प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक राजेश कुमार ने कही। वे पत्रकारों को एफसीआई की गुणवत्ता व पारदर्शी व्यवस्था के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम की कार्य पद्धति में निरंतर वैज्ञानिकता व पारदर्शिता का समावेश हो रहा है। जिस कारण किसानों से अनाज लेने व उसे जनवितरण प्रणाली तक पहुंचाने की प्रक्रिया काफी सुगम हो गई है।
बिलासपुर के 1 लाख किसानों को लाभ
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को गोदाम की हर प्रक्रिया के बारे से लाइव रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि करगीरोड कोटा में 2020-21 में 24516 मीट्रिक टन चावल की खरीद की गई थी। इस खरीद से बिलासपुर प्रक्षेत्र के 1 लाख से अधिक किसानों को लाभ पहुंचा। कोविड-19 महामारी के दौरान एफसीआई ने पांच चरणों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पीडीएस, प्रवासियों व मजदूरों को मुफ्त में खाद्यान्न पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके तहत बिलासपुर में 81292.56 मीट्रिक टन खाद्यान्न जारी किया गया।

मोबाइल पर ऑनलाइन है कोटा का डिपो
पारदर्शिता के लिए करगीरोड कोटा के डिपो को 16 लाइव सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। जिसे एफसीआई की वेबसाइट के माध्यम से कोई भी देख सकता है। यह डिपो सभी प्रकार की विशिष्ट सुविधाओं से लैस है। एफसीआई का यह डिपो छत्तीसगढ़ के सबसे अच्छे डिपो में से एक है।
