रायगढ़। छत्तीसगढ़ में मंदिर के पुजारी की जगह मंदिर को नोटिस जारी करने पर नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रायगढ़ अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) युगल किशोर उर्वशा ने तहसीलदार से जवाब मांगते हुए कहा कि पुजारी या प्रबंधन करने वालों के बजाय मंदिर के नाम पर नोटिस जारी करना एक गलत कृत्य है।
पेश नहीं होने पर था 10 हजार रुपये का जुर्माना
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के संबंध में एक याचिका पर नायब तहसीलदार ने नौ मार्च को यहां के कौहाकुंडा वार्ड में शिव मंदिर समेत 10 अतिक्रमणकारियों के नाम नोटिस जारी कर तहसीलदार के समक्ष पेश होने को कहा था। साथ ही नोटिस में राजस्व अदालत के समक्ष पेश नहीं होने की स्थिति में 10 हजार रुपये जुर्माना और अतिक्रमण की गई संपत्ति से बेदखल करने की चेतावनी दी गई थी।

शिवलिंग को मंदिर से उखाड़कर तहसील कार्यालय ले गए थे लोग
वहीं नोटिस मिलने पर स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को शिवलिंग को मंदिर से उखाड़कर वाहन पर तहसील कार्यालय ले गए थे, जिससे हंगामा मच गया था। अतिक्रमण मामले की सुनवाई शुक्रवार को रद्द कर दी गई। इस दौरान वार्ड पार्षद सपना सिदर भी मौजूद रहे।

राजस्व विभाग की छवि खराब हुई
नायब तहसीलदार को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि शिवलिंग को तहसीलदार अदालत में लाने से राजस्व विभाग की छवि खराब हुई है और नोटिस पुजारी या इसे प्रबंधित करने वाले व्यक्ति के नाम पर दिया जाना चाहिए था न की मंदिर के नाम पर।
नायब तहसीलदार राठौर से मांगा जवाब
नायब तहसीलदार राठौर से जवाब मांगते हुए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि अधिनियम सरकारी काम के प्रति लापरवाही दिखाता है। आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।