नई दिल्ली (एजेंसी)। आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर संदीप पाठक को आम आदमी पार्टी ने पंजाब से राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। प्रोफेसर पाठक की कहानी बड़ी दिलचस्प है। लंदन रिटर्न प्रो. पाठक अब तक पर्दे के पीछे से राजनीति कर रहे थे। यहां तक कहा जाता है कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बूथ लेवल पर मजबूत बनाने के पीछे प्रोफेसर संदीप पाठक का अहम रोल है। आइए जाते हैं रिसर्च, प्रोफेसर से लेकर संदीप ने राज्यसभा उम्मीदवार तक कैसे सफर पूरा किया?
छत्तीसगढ़ से लंदन तक का सफर पूरा किया
प्रो. संदीप मूल रूप से छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी के रहने वाले हैं। यहीं पर चार अक्टूबर 1979 को उनका जन्म हुआ था। संदीप तीन भाई बहन हैं। बहन का नाम प्रतिभा पाठक है, जबकि छोटे भाई का नाम प्रदीप पाठक है। संदीप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर में की। यहां से एमएससी करने के बाद वह ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए। यहां पर उन्होंने पीएचडी की। इसके बाद वह अलग-अलग रिसर्च प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़े रहे। 2016 में आईआईटी दिल्ली में उनकी असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई।


43 रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए, 490 शोध कार्यों में को-ऑथर
प्रो. संदीप ने अब तक 43 रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं। 2011 से लेकर 2021 तक उन्होंने 490 शोध कार्यों में सहायक लेखक के रूप में काम किया। 2015 में सबसे ज्यादा 10 शोध प्रकाशित हुए, जबकि 2021 में प्रो. पाठक ने चार शोध पत्र प्रकाशित करवाए।

दिल्ली और फिर पंजाब चुनाव में अहम भूमिका
राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रो. पाठक 2016 से ही आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के संपर्क में थे। 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने आप को मजबूत बनाने के लिए पर्दे के पीछे काम किया। सर्वे और मुद्दों के मामले में आप को काफी आगे बढ़ाया। इसके बाद केजरीवाल ने प्रो. पाठक को पंजाब की जिम्मेदारी भी सौंप दी। प्रो. पाठक पिछले दो साल से पंजाब में पर्दे के पीछे से आम आदमी पार्टी को मजबूत बनाने में जुटे थे।