चंडीगढ़ (एजेंसी)। पंजाब में जनादेश आ गया है। सूबे के इतिहास की सबसे बड़ी जीत के बाद आम आदमी पार्टी अब सरकार बनाने की तैयारी में है। वहीं सीएम उम्मीदवार भगवंत मान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस में हार के बाद रार मची हुई है। गुरुवार को परिणाम आने के बाद शुक्रवार को पंजाब की राजनीति में हलचल तेज रही। आप विधायक दल की बैठक आज शाम चंडीगढ़ में होगी। नवनिर्वाचित विधायक सर्वसम्मति से सीएम उम्मीदवार भगवंत मान को अपना नेता चुनेंगे। चरणजीत चन्नी ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया है। चन्नी ने कहा कि राज्यपाल ने मुझे और कैबिनेट को नई सरकार के शपथ लेने तक जारी रखने के लिए कहा। मैं लोगों के जनादेश को स्वीकार करता हूं।
कैप्टन और बादल को संन्यास के समय मिली हार
पंजाब की सियासत में प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए यह चुनाव बहुत अहम था। दोनों नेता बड़े नेता हैं और यह चुनाव इनका अंतिम चुनाव माना जा रहा था। राजनीति से संन्यास के तौर पर इस चुनाव को देखा जा रहा था, लेकिन संन्यास के समय दोनों के खाते में हार लिखी गई।

भाजपा गठबंधन को सिर्फ दो सीटें मिलीं
भाजपा ने इस बार कैप्टन की पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। भाजपा को यह अंदेशा था कि अकालियों से गठबंधन तोडऩे और कैप्टन के सहारे पंजाब की सियासत में बढ़त बनाने का मौका मिलेगा, लेकिन बात बन नहीं पाई। गठबंधन को सिर्फ दो सीटें मिलीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा पठानकोट से और मनोरंजन कालिया मुकेरियां से चुनाव जीते हैं।

आपसी कलह ने कांग्रेस का किया बंटाधार
पिछली बार 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को इस बार सिर्फ 18 सीटें मिलीं हैं। पार्टी की हार के पीछे सबसे बड़ी वजह आपसी कलह रही है। पहले कैप्टन-सिद्धू के बीच विवाद हुआ तो चुनाव से ठीक पहले चन्नी-सिद्धू सीएम चेहरे को लेकर उलझे रहे। सिद्धू ने जिस तरह से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान दिया, उसे लोगों ने काफी गंभीरता से लिया। रही कसर चन्नी के रिश्तेदारों के घर पर पड़ी ईडी की रेड ने पूरी कर दी।