कांकेर। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय (आरओबी), रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में, क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय (एफओबी), कांकेर के सहयोग से आजदोपहर 12.30 बजे से 01.30 बजे तक ‘सामाजिक बदलाव में महिलाओं की भूमिका और उनके प्रति वैचारिक पूर्वाग्रह’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड अधिकारी, गैर-सरकारी संगठनों के कार्यकर्ता, सांस्कृतिक दलों के लोक कलाकार तथा महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएं इस वेबिनार में शामिल हुए। जनशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, काँकेर की निदेशक, सुश्री पूजा पांडेय और यूनीसेफ, कांकेर की जिला समन्वयक, सुश्री रेहाना तबस्?सुम ने वेबिनार को संबोधित किया ।

वेबिनार को संबोधित करते हुए यूनीसेफ, कांकेर की जिला समन्वयक, सुश्री रेहाना तबस्सुम ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2022 का ध्येय वाक्य है ‘ब्रेक द बायस’ अर्थात पूर्वाग्रहों को तोडऩा। हम सभी यह जानते हैं कि समाज में व्याप्त पूर्वाग्रहों को तोड़े बगैर एक समतामूलक, समावेशी और न्यायसंगत समाज का निर्माण नहीं हो सकता है। इसके लिए हम एक पूर्वाग्रह, रूढि़वादिता और भेदभाव से मुक्त दुनिया की कल्पना करना चाहते हैं, जहां समानता एक जीवन मूल्य के रूप में समाज को निर्देशित करे।


उन्होंने कहा कि हम साथ मिलकर महिलाओं की समानता का निर्माण कर सकते हैं और सामूहिक रूप से पक्षपात को दूर कर सकते हैं। हमें अपने समुदायों, अपने कार्यस्थलों, अपने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों में पूर्वाग्रहों को तोडऩा होगा। सुश्री तबस्सुम ने आह्वान किया कि आइए, हम इस पूर्वाग्रह को इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर और उसके बाद भी तोडऩे का संकल्प लें।
इस अवसर पर जनशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, काँकेर की निदेशक, सुश्री पूजा पांडेय ने कहा कि आज दुनिया के लगभग सभी देशों में लैंगिक समानता की बात की जा रही है लेकिन राष्ट्रों द्वारा बड़ी प्रगति कर लेने के बावजूद यह विचार एक सपना ही बना हुआ है। वैश्विक आर्थिक सुधारों के बावजूद लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर हैं और आने वाले दिनों में यह स्थिति और भयावह हो सकती है।
सुश्री पाण्डेय ने कहा कि पूर्वाग्रह को दूर करने, रूढि़वादिता को तोडऩे, असमानता और भेदभाव को समाप्त करने, समाज में बदलाव लाने के लिए हमें चुनौतियों को स्वीकार करना होगा और महिलाओं की उपलब्धियों को महत्त्व देने के लिए कदम उठाने होंगे। महिलाओं की समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लैंगिक समानता की पैरवी करनी होगी और महिला केंद्रित विकास के लिए भी आवश्यक कदम उठाने होंगे।
उन्होंने ने कहा कि यह तब ही संभव होगा जब वह अपने को पुरुषों से कमतर न आंकें । उन्हें यह समझना होगा कि वे किसी भी तरह से पुरुषों से कम नहीं है वे अपने अधिकारों के संतुलन तथा समानता, निष्पक्षता के लिए कार्य कर सकती हैं।
वेबिनार के प्रारम्भ में पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर के अपर महानिदेशक, अभिषेक दयाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्यों पर विस्तृत जानकारी दी। अंत में आभार प्रदर्शन, पत्र सूचना कार्यालय रायपुर के कार्यालय प्रमुख, सुनील तिवारी ने किया। वेबिनार का संचालन क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय (एफओबी), कांकेर की प्रभारी अधिकारी, सुश्री श्वेता शर्मा ने किया।