दंतेवाड़ा। मंगलवार की रात छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों ने किरंदुल-विशाखापट्टनम रेल मार्ग पर मालागाड़ी के इंजन में आग लगा दी। मामला भांसी थाना क्षेत्र का है। माओवादियों ने बचेली और भांसी के बीच आगजनी की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद मालगाड़ी का ड्राइवर सुरक्षित है। बताया जा रहा है कि मालगाड़ी बैलाडीला से लौह अयस्क लेकर विशाखापट्टनम जा रही थी।
घात लगाकर बैठे थे माओवादी
भांसी के जंगल का इलाका बेहद संवेदनशील माना जाता है। इसी वजह से जो भी रेल यहां से गुजरती है, उसकी रफ्तार काफी कम रहती है। ताकि यहां कोई भी वारदात को अंजाम दिया जाए तो ज्यादा नुकसान न झेलना पड़े। मंगलवार रात को भी मालगाड़ी की रफ्तार धीमी ही थी। माओवादी इसी क्षेत्र में घात लगाकर बैठे थे।

पायलट को उतारा, फिर लगाई आग
माओवादियों को मालगाड़ी आने की जानकारी मिली तो वो ट्रैक पर आ गए और बंदूक दिखाकर मालगाड़ी को रुकवा लिया। इसके बाद पायलट और एक अन्य कर्मचारी को मालगाड़ी से नीचे उतारने के बाद माओवादियों ने उनके वॉकी-टॉकी और मोबाइल जब्त कर लिए। फिर मालगाड़ी में आग लगाकर वापस जंगल की तरफ चले गए।

किरंदुल-विशाखापट्टनम मार्ग हुआ बाधित
वारदात की जानकारी मिलने के बाद दंतेवाड़ा से ष्ठक्रत्र के जवानों को मौके के लिए रवाना किया गया। इस घटना के बाद से किरंदुल-विशाखापट्टनम मार्ग बाधित हो गया है। मालगाड़ी के जल चुके इंजन को हटाने का काम किया जा रहा है।
पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी को 2021 में किया था डिरेल
वर्ष 2021 में भांसी-कमालूर के पास रेलवे पुल के ऊपर माओवादियों ने एक पैसेंजर ट्रेन को डिरेल कर दिया था। हालांकि लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया था और पैसेंजर ट्रेन का इंजन ही डिरेल हुआ था। रेल मार्ग को रात में ठीक करने बाद बहाल कर दिया गया था। इसके अलावा नवंबर में मालगाड़ी के 12 से ज्यादा डिब्बे डिरेल कर दिए थे।