पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर हृदय रोग के मामलों में तेज उछाल देखने को मिला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई कारकों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं, जिसमें जीवनशैली और आहार की गड़बड़ी सबसे प्रमुख है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो हृदय रोग वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हमें हार्ट रेट पर विशेष ध्यान देने की आश्यकता है। हृदय गति वह पैमाना है जिसके आधार पर यह मापा जाता है कि एक मिनट के भीतर हमारा दिल कितनी बार धड़कता है? 60-100 बार की धड़कन को सामान्य माना जाता है। इसमें कमी या अधिकता गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर संकेत हो सकता है।
हार्वर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसार, आराम करते समय हमारा हार्ट रेट कितना रहता है, यह भी स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को परिभाषित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्कर माना जाता है। आमतौर पर रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के बढऩे जैसे कारकों के चलते यह प्रभावित हो सकता है। इस बारे में सभी लोगों को विशेष सावधान रहना चाहिए।

सामान्य हृदय गति क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक उम्र और स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर सामान्य हृदय गति में अंतर हो सकता है। आराम की अवस्था में वयस्कों का दिल सामान्यतौर पर एक मिनट में 60 से 100 धड़कता है। 59 से नीचे को लो हार्ट रेट माना जाता है। वहीं आराम करते समय हृदय गति का 100 से अधिक होना हृदय रोग के जोखिम का संकेतक हो सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को अपनी हृदय गति पर ध्यान रखना चाहिए।

हृदय गति बढऩे के क्या कारण हो सकते हैं ?
हृदय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट रेट का बढऩा या कम होना दोनों खतरनाक हैं। प्रति मिनट 100 से अधिक बार दिल का धड़कना अगर लगातार जारी है तो इसे कई गंभीर समस्याओं का संकेत माना जा सकता है। इस बारे में विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
संक्रमण या बुखार के कारण।
कार्डियोमायोपैथी जैसे हृदय रोग।
शरीर में पोटेशियम की कमी
खून की कमी
थायरॉयड ग्रंथि का अतिसक्रिय होना।
दमा या सांस की समस्या।
क्या कहते हैं हृदय रोग विशेषज्ञ?
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नरेश भार्गव बताते हैं, कोरोना के इस दौर में हृदय की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ा है। डेल्टा जैसे वैरिएंट से संक्रमण के बाद हृदय गति बढऩे और इसके कारण हृदय या फेफड़ों के ऊतकों में सूजन की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। इसके कारण दिल का दौरा पडऩे, स्ट्रोक जैसे गंभीर जानलेवा समस्याओं का जोखिम भी कई गुना बढ़ गया है। हृदय गति पर ध्यान रखें और इसे नियंत्रित रखने के प्रयास करते रहने चाहिए।
हृदय गति को कैसे नियंत्रित रखें?
डॉ नरेश बताते हैं, हृदय गति को सामान्य बनाए रखने के लिए जीवनशैली को स्वस्थ रखना बहुत आवश्यक है। इन 4 चीजों को ध्यान में रखकर हृदय गति को नियंत्रित में रखने के साथ कई तरह की हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं।
नियमित व्यायाम करें।
तनाव कम लें और इसे प्रतिबंधित करने के उपाय करें।
तंबाकू उत्पादों से परहेज करें।
वजन को नियंत्रित रखें, इसे बढऩे से रोकने के उपाय करें।