कई तरह की शारीरिक समस्याओं में योगासनों के अभ्यास को बेहद लाभदायक माना जाता है। जीवनशैली की गड़बड़ आदतों जैसे लंबे समय तक बैठे रहने, शारीरिक निष्क्रियता में कमी आदि के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर कई तरह से नकारात्मक असर देखा जा रहा है। यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को कम उम्र में ही कमर में दर्द, शरीर के फैट बढऩे, मोटापा, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो जीवनशैली में योगासनों को शामिल करके इस तरह की दिक्कतों को आसानी से कम किया जा सकता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक चेयर पोज या उत्कटासन योग का अभ्यास करना कमर दर्द से लेकर शरीर से फैट को कम करने तक में विशेष लाभदायक हो सकता है। इतना ही नहीं यह योग जांघों, ग्लूट्स और कूल्हे की जोड़ों को भी स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकता है। चेयर पोज का नियमित अभ्यास शरीर के बेहतर संतुलन और निचले अंगों में रक्त के संचार को बढ़ावा देने में भी फायदेमंद माना जाता है। आइए इसके अभ्यास से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं। कैसे करें चेयर पोज का अभ्यास?
चेयर पोज कुर्सी पर बैठने की काल्पनिक मुद्रा है, जिसके कई तरह के लाभ हो सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। गहरी सांस लेते हुए अपने हाथों को उपर ले जाएं। अब शरीर को धीरे-धीरे बैठने की मुद्रा में ले आएं, जैसे की आप कुर्सी पर बैठते हैं। इस स्थिति में कुछ सेकेंड्स के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। रोजाना 5-10 मिनट तक इस योग का अभ्यास किया जा सकता है।

चेयर पोज योग से क्या लाभ हैं?
योग विशेषज्ञों के मुताबिक यदि चेयर पोज का रोजाना सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो शरीर को इससे कई तरह के लाभ मिल सकते हैं।
कंधे, कूल्हों, घुटनों और टखनों जैसे प्रमुख जोड़ों की सहायक मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक।
कोर स्ट्रेंथ को विकसित करने वाला योग।
क्वाड्स और ग्लूटियल्स को मजबूत करता है।
शरीर की स्थिरता को बढ़ाकर घुटने के जोड़ को मजबूती देने में मदद करता है।
कंधे और छाती की मांसपेशियों को खोलने में सहायक योग।
सांस लेने में सुधार करता है।

इन लोगों को नहीं करना चाहिए यह योग
योग अभ्यास शुरू करने से पहले प्रशिक्षिक से सलाह लेना और आसन के तरीकों के बारे में जानना आवश्यक होता है। चेयर पोज का अभ्यास वैसे तो सभी लोगों के लिए फायदेमंद होता है पर कुछ स्थितियों में इस योग के अभ्यास को न करने की सलाह दी जाती है।
घुटने की समस्या वाले लोगों को दीवार का सहारा लेकर यह अभ्यास करना चाहिए।
पीठ की गंभीर समस्या में इस योग के अभ्यास से पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।
हाल ही अगर टखनों या कूल्हे की सर्जरी हुई है तो भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए।