भोपाल । मध्य प्रदेश के वन विभाग ने किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली नीलगाय और जंगली सूअर को मारने की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इसमें वन विभाग ने नियमों के सरलीकरण करने को कहा है। इसके तहत किसानों को नील गाय और जंगली सूअर को मारने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसानों की फसलों को नष्ट करने की किसानों की शिकायतें आ रही हैं। 2000 में नील गाय और 2003 में जंगली सूअर के शिकार के लिए सख्त नियम जारी किए गए थे। इसके बाद से किसी भी जानवर को नहीं मारा गया है। अब इन नियमों के सरलीकरण का प्रस्ताव बनाया गया है। इस पर सरकार ने विधायकों से सुझाव मांगे हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी यह बहुत प्रारंभिक स्टेज में है।
वन विभाग की तरफ से भेजे गए ड्रॉफ्ट के अनुसार किसान वॉट्सएप या ईमेल पर जंगली सूअर या नीलगाय को मारने के लिए आवेदन करेंगे। एक साल में पांच-पांच नील गाय और जंगली सूअर के शिकार की अनुमति दी जाएगी। विशेष रूप से राज्य के पश्चिमी भाग में नीलगाय (नीले बैल) और जंगली सूअर की एक बड़ी आबादी है। वन विभाग के अधिकारी के अनुसार नीलगाय उज्जैन, इंदौर, पन्ना, छतरपुर, रीवा और जंगली सूअर खंडवा, होशंगाबाद, इटारसी, मंडला, उमरिया, डिंडोरी के इलाके में जानवरों की बड़ी आबादी है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया कि शासन को नियमों में सरलीकरण का प्रस्ताव बनाकर भेजा है।
