भिलाई। देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो गई है। वहीं प्रदेश में भी इसका असर साफ देखा जा रहा है। शहर में फिलहाल रात 10 बजे के बाद से नाइट कफ्र्यू की सख्ती तो देखने को मिल रही है। जहां शासन-प्रशासन कोरोना से निपटने पूरी तैयारी कर रही है, वहीं आम जनता भी अपने व परिवार की सुरक्षा के लिए तरह-तरह के उपचार के साथ-साथ घरेलू नुस्खे अपना रहें हैं, जिससे जीवन सुरक्षित रहे सके। वहीं दुकानदार ग्राहकों को लूटने में लगा रहा हैं। जब से नाइट कफ्र्यू के आदेश हुए हैं तब से दुर्ग जिले के भिलाई शहर में गुटखे के सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड महंगे हो चुके हैं। कई जगहों पर तो दुकानदार यहां तक कह रहे हैं कि सप्लाई ही नहीं है। रोजमर्रा की कई चीजों के दाम 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक बढ़ चुके हैं। इन सबके पीछे की वजह है लॉकडाउन का हल्ला। हालांकि आधिकारिक तौर पर लॉकडाउन को लेकर कोई एलान सरकार या प्रशासन ने नहीं किया है। जबकि सीएम ने कहा कि प्रदेश में अभी लॉकडाउन लगाने जैसी स्थिति नहीं है। उसके बावजूद कालाबाजारी की तैयारी जोरों-शोर से जारी है।
भिलाई के सुपेला, पावर हाउस, केम्प क्षेत्र इलाके में किराने की दुकान चलाने वालों ने बताया कि सबसे ज्यादा बिकने वाला गुटखे का पाउच नहीं मिल रहा। कुछ दुकानों पर इसे 10 से 15 रुपए बढ़ाकर बेचा जा रहा है, फुटकर में 5 रुपए का गुटखा अब 7 रुपए में बिक रहा है। यही असर सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, और तम्बाकू के उत्पादों पर भी पड़ रहा। किराने की दुकान चलाने वाले नाम न छापने की शर्त पर बताया कि होलसेल में खाने के तेल के दाम बीते दो-तीन दिनों में अचानक बढ़ गए हैं। जो तेल का टीपा 2020 रुपए में मिल रहा था, अब 2100, 2200 के करीब मिल रहा है, होलसेल में ही रेट बढ़ गए हैं तो चिल्हर रेट पर इसका असर पड़ा है।

व्यापारियों के साथ बैठक के बाद 4 दिन पहले प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने स्पष्ट किया था कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने जैसी कोई बात नहीं है। सभी कारखाने और व्यावसायिक काम-काज होते रहेंगे। उन्होंने लॉकडाउन के सवाल पर कह दिया था कि लॉकडाउन की चर्चा ही नहीं है, हम इस वक्त लॉकडाउन की स्थिति में नहीं हैं। बावजूद इसके बाजार में महंगाई आम आदमी को परेशान किए हुए है।

कालाबाजारी की तैयारी
होलसेल दुकानदारों का समूह ऐसे मौके की तलाश में ही रहता है। लॉकडाउन की खबरों के बीच मार्केट से अचानक कुछ चीजों को गायब कर दिया जाता है। लोग जब मनमाने दाम पर खरीदने को राजी हों तो 5 रुपए की चीज 50 में बेची जाती है। इस बार भी कुछ ऐसी की तैयारी में कारोबारी नजर आ रहे हैं।