रिसाली, भिलाई के बाद जामुल में भी हुई क्रास वोटिंग
भिलाई। जिले के तीन नगर निगमों में एकतरफा कब्जे के बाद कांग्रेस ने जामुल पालिका के चुनौतीपूर्ण मुकाबले में उपाध्यक्ष का पद हासिल करने में सफलता पाई है। यहां भाजपा के पास पार्षदों का बहुमत था, किन्तु अंतिम समय में रेखराम बंछोर की जगह ईश्वर ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने की नाराजगी उपाध्यक्ष की वोटिंग में नजर आई।
कुल 20 पार्षदों वाली पालिका में भाजपा को 10 सीटें मिली थी, जबकि दो निर्दलीय पार्षदों ने समर्थन दिया था। यही दो पार्षद भाजपाइयों के साथ अज्ञातवास पर भी गए थे। सुबह शपथ ग्रहण के बाद भाजपा ने पालिकाध्यक्ष पद के लिए ईश्वर ठाकुर और उपाध्यक्ष के लिए सीमा यादव का नाम प्रस्तावित किया। वहीं कांग्रेस ने निवृत्तमान अध्यक्ष सरोजिनी चंद्राकर को अध्यक्ष व कांग्रेस को समर्थन देने वाली सुनीता चन्नेवार को उपाध्यक्ष प्रत्याशी बनाया था। बेहद धीमी चली मतदान और मतगणना की प्रक्रिया के पश्चात भाजपा के ईश्वर ठाकुर को 12 मत मिले। जबकि उसकी उपाध्यक्ष प्रत्याशी सीमा यादव को 9 मत ही मिल पाए। इस तरह भाजपा पालिकाध्यक्ष बनवाने में तो कामयाब रही, किन्तु उपाध्यक्ष का पद उसके हाथों से निकल गया। कांग्रेस की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार सरोजिनी चंद्राकर को कुल 8 मत मिले, जबकि उसकी उपाध्यक्ष प्रत्याशी सुनीता चन्नेवार को 11 मत मिले। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ ही अपील समिति के भी चुनाव सम्पन्न कराए गए, जिसमें भाजपा के दीपक गुप्ता व कांग्रेस के रामदुलार साहू चुने गए।


उल्लेखनीय है कि नगर पालिका परिषद जामुल में भारतीय जनता पार्टी के 10 पार्षद जीत कर आए। इसके तत्काल बाद दो निर्दलीय पार्षदों ने भी भाजपा को अपना समर्थन दिया था। पार्टी की जीत में दो बार पालिकाध्यक्ष रहे रेखराम बंछोर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता उन्हें ही अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाना चाह रहे थे, किन्तु पार्टी का दूसरा धड़ा उनके नाम की खिलाफत में था। कांग्रेस को इस चुनाव में महज 5 वार्डों में ही जीत मिली थी, जबकि एक निर्दलीय पार्षद सुनीता चन्नेवार ने जीत के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस तरह बहुमत प्रारम्भ से ही भाजपा के पक्ष में था। भाजपा में चल रही गुटबाजी और उठापटक को देखते हुए कई पार्षदों ने पहले ही चेता दिया था कि यदि रेखराम बंछोर को अध्यक्ष प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो वे क्रास वोटिंग कर सकते हैं। बावजूद इसके पार्टी ने सबक नहीं लिया। हालांकि उसके लिए यह संतोष की बात है कि अध्यक्ष बनवाने में कामयाबी मिल गई। कांग्रेस पार्टी की जोड़-तोड़ काम आ गई। यहां कांग्रेस पार्टी इस उम्मीद में थी कि अध्यक्ष को लेकर प्रत्याशी ना बनाने से नाराज कुछ भाजपा पार्षद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। वहीं निर्दलीय पार्षदों का भी उन्हें साथ मिल जाएगा। भले ही कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बना लेकिन उपाध्यक्ष के लिए उनकी लॉबिंग काम कर गई।

भाजपाइयों की पुलिस से झड़प
अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की प्रक्रिया में अज्ञात कारणों से विलम्ब को लेकर भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने संदेह जाहिर किया। इन नेताओं का संदेह उस वक्त और बढ़ गया जब पार्टी के लोगों को पुलिस ने भीतर जाने से रोक दिया। इसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं व पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। धक्का-मुक्की की नौबत भी आई। पुलिस का कहना था कि भीतर जाने का समय खत्म हो गया है, इसलिए एंट्री बंद कर दी गई। हालांकि बाद में भाजपाइयों को भीतर जाने दिया गया।
भाजपा का डर सही निकला
भाजपा को डर था कि सत्तारूढ़ दल कांग्रेस कुछ गड़बड़ कर सकती है। इसीलिए पालिका में बहुमत के करीब पहुंचने के बाद दो अन्य निर्दलीय पार्षदों को लेकर पार्टी के नेता अज्ञातवास पर निकल गए। आज सभी ने शपथ ली, उसके बाद भी पार्टी के नेताओं को यह डर सताता रही कि कांग्रेस तोडफ़ोड़ कर सकती है। पार्टी के कई स्थानीय नेताओं का डर उस वक्त और बढ़ गया जब अध्यक्ष पद के लिए ईश्वर ठाकुर के नाम का ऐलान किया गया। भाजपा को एक डर यह भी था कि यदि रेखराम बंछोर को प्रत्याशी बना दिया जाता है तो पार्टी का दूसरा गुट क्रास वोटिंग कर सकता है।