भिलाई। महापौर प्रत्याशी चयन से नाराज वरिष्ठ महिला पार्षद सुभद्रा सिंह भी नामांकन दाखिल करने पहुंच गई। इससे पहले जब पार्षदों को महापौर प्रत्याशी का नाम बताया गया, तब भी सुभद्रा ने हंगामा खड़ा कर दिया। विधायक देवेन्द्र यादव उन्हें मनाते हुए दिखाई दिए। इसके बाद अचानक ही सुभद्रा सिंह ने स्वयं महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल करने का फैसला किया। इसे लेकर कांग्रेस के भीतर भारी कश्मकश की स्थिति है।
सुभद्रा सिंह ने वरिष्ठ नेताओं के समक्ष बार बार मांग की थी कि क्योंकि महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है, इसलिए इसी वर्ग से महापौर बनाया जाना चाहिए। इससे पहले सदन से रोते हुई निकली सुभद्रा सिंह ने कहा कि उन्हें अब पार्टी में रहना ही नहीं है। भाजपा की ओर से महापौर के लिए सीनियर पार्षद महेश वर्मा व सभापति के लिए श्याम सुंदर राव ने नामांकन दाखिल किया है।

इससे पहले कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने सभी पार्षदों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। पार्षदों को 7-7 की संख्या में शपथ ग्रहण करवाई गई। इसके लिए सुबह 10 बजे का वक्त तय किया गया था। इस दौरान कांग्रेस व भाजपा के सीनियर नेता भी मौजूद रहे। मतगणना पश्चात जब यह तय हो गया कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल गया है, तभी से सभी पार्षदों को पुरी के लिए रवाना कर दिया गया। पुरी में पॉलिटिकल टूर से कल ही सभी कांग्रेस पार्षद रायपुर लौटे, जहां एक बड़े निजी होटल में जिले के प्रभारी मंत्री मो. अकबर व चुनाव प्रभारी गिरीश देवांगन ने सभी पार्षदों से वन टू वन चर्चा की।

इस दौरान ज्यादातर पार्षदों ने महापौर व सभापति का चयन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक देवेन्द्र यादव पर छोड़ दिया गया। मंत्री अकबर व देवांगन ने सभी पार्षदों से यह आश्वासन भी लिया कि सीएम बघेल द्वारा तय नाम पर ही सबको एकराय बनानी है। इसी दौरान कई पार्षदों ने यह मांग जोर-शोर से उठाई थी कि क्योंकि महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए है, इसलिए महापौर भी सामान्य वर्ग से बनाया जाना चाहिए।