भिलाई। कांग्रेस पार्षद शशि सिन्हा रिसाली नगर निगम की पहली महापौर निर्वाचित हुईं हैं। उन्होंने भाजपा की महापौर प्रत्याशी रमा साहू को 9 के मुकाबले 27 मतों के अंतर से हराया। शशि, पहली बार वार्ड क्रं. 9 से पार्षद निर्वाचित हुईं हैं। एक निर्दलीय पार्षद सुनंदा चंद्राकर ने भी नामांकन दाखिल किया था, जिन्हें कुल 4 पार्षदों के मत मिले। रिसाली में महापौर का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित था। वहीं सभापति पद पर कांग्रेस के ही वरिष्ठ पार्षद केशव बंछोर निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा के धर्मेन्द्र भगत को 13 के मुकाबले 27 मतों से हराकर सभापति की कुर्सी अपने नाम की। इससे पहले कांग्रेस ने अप्रत्याशित रूप से शशि सिन्हा को महापौर प्रत्याशी घोषित कर कई तरह के लग रहे कयासों पर विराम लगा दिया। अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस की ओर से महापौर के लिए साहू समाज से नाम चलाया जाएगा। वहीं, आज सुबह शपथ ग्रहण होने तक यह स्पष्ट नहीं था कि भाजपा महापौर व सभापति पद के लिए प्रत्याशी उतारेगी या नहीं। हालांकि पार्टी की ओर से पहले ही यह संकेत दिया गया था कि वे कांग्रेस को वाकओवर नहीं देंगे। जिले के 3 नगर निगमों व 1 पालिका क्षेत्र में चुनाव हुए थे। भिलाई-चरोदा के बाद आज कांग्रेस ने रिसाली निगम पर भी कब्जा जमाया। जबकि कल 6 जनवरी को भिलाई नगर निगम में महापौर के लिए मतदान होगा। इसके अगले दिन जामुल पालिकाध्यक्ष के लिए वोटिंग होनी है।

इससे पहले रिसाली नगर निगम के सभी 40 पार्षदों को कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सभी पार्षदों को 5-5 की कतार में कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखते हुए शपथ दिलाई गई। नगर पालिक निगम रिसाली के मुख्य कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह का मुख्य कार्यक्रम हुआ। शपथ लेने के तत्काल बाद सभी कांग्रेस व समर्थक पार्षदों को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अपने साथ ले गए। बाद में वरिष्ठ नेता गिरीश देवांगन भी रिसाली पहुंचे और उन्होंने गृहमंत्री श्री साहू के साथ अलग से चर्चा की। एक बार फिर सभी पार्षदों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। भाजपा की ओर से पूरी कमान सांसद विजय बघेल ने संभाली। शपथ ग्रहण के तत्काल बाद वे भी भाजपा पार्षदों को साथ लेकर रवाना हो गए। सभी पार्षदों को ऐन वक्त पर वापस लाया गया, ताकि वे मतदान कर सकें। इस दौरान भाजपा की कांग्रेसी व्यूह भेदने की तमाम कोशिशें नाकाम होती दिखी। सांसद बघेल ने आरोप लगाया कि पूर्ण बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस को अपने पार्षदों पर भरोसा नहीं है, इसलिए पहले पिकनिक के बहाने और अब एक बार फिर उन्हें अलग-थलग रखा गया है। उन्होंने नवनिर्वाचित पार्षदों की इस तरह की गई घेराबंदी को पार्षदों का अपमान बताया।

कल रायपुर, आज रिसाली लौटे
गौरतलब है कि मतगणना के बाद सभी कांग्रेस पार्षदों को मध्यप्रदेश के एक धार्मिक पर्यटन स्थल पर ठहराया गया था। वहां लग्जरी लाइफ जीने के बाद कल शाम इन पार्षदों को वापस रायपुर लाया गया। सभी पार्षदों को रायपुर के एक होटल में रखा गया था। वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्षदों से सामूहिक और फिर एक-एक कर मुलाकात कर आवश्यक हिदायतें दी थी। इसके बाद आज सुबह सभी पार्षदों को रिसाली नगर निगम लाया गया। शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही उन्हें एक बार फिर दूसरी जगह ले जाया गया। दरअसल, भाजपा की रणनीति को फेल करने के लिए ही गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने चाक-चौबंद व्यवस्थाएं करवाईं थी। इसी के चलते भाजपा को अपना गेम खेलने का अवसर ही नहीं मिल पाया।

चरोदा के बाद दूसरा निगम
दुर्ग जिले के तीन नगर निगमों में चुनाव सम्पन्न हुए थे और इन सभी में कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। 3 जनवरी को भिलाई-चरोदा में सफलतापूर्वक अपना महापौर और सभापति बनवाने के बाद यह दूसरा अवसर है, जब कांग्रेस रिसाली नगर निगम में भी कांग्रेसी ध्वज लहरा पाई। रिसाली निगम में पहली बार चुनाव हुए और इस चुनाव में अभूतपूर्व जीत से लेकर आज महापौर और सभापति बनवाने तक के दौरान गृहमंत्री व स्थानीय विधायक ताम्रध्वज साहू की भूमिका बेहद अहम रही। उन्होंने पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों को न केवल एकजुट रखा, अपितु विपक्ष की रणनीति को फेल करने में भी महती भूमिका निभाई। श्री साहू व उनकी टीम पूरे समय सक्रिय रही और उन्होंने जैसा चाहा, वैसा परिणाम भी हासिल किया।
साहू की चर्चा, अंतिम समय में सिन्हा को उतारा
रिसाली में मतगणना के बाद जब यह तय हो गया कि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत आ गया है, तभी से कयास लगने लगे कि यहां पहली महापौर साहू समाज से होगी। नतीजतन कई नामों को लेकर चर्चाएं भी चलती रही। खासकर सीमा साहू का नाम सुर्खियों में रहा, किन्तु आज सुबह अचानक शशि सिन्हा व सोनिया देवांगन का नाम आ गया। जानकारों के मुताबिक, क्योंकि बीरगांव में कांग्रेस ने नंदलाल देवांगन को महापौर बनाया, ऐसे में इस बात की संभावना कम हो गई कि सोनिया देवांगन को रिसाली की कमान सौंपी जाए। हालांकि साहू समाज से महापौर प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर भी कई तरह की राजनीतिक चर्चाएं हैं। कांग्रेस में सभापति पद के लिए केशव बंछोर का नाम काफी समय से चल रहा था। पार्टी ने अंत में उन्हें ही उम्मीदवार बनाया। वहीं, भाजपा ने महापौर पद के लिए रमा साहू तो सभापति पद के लिए धर्मेन्द्र भगत का नाम बढ़ाया था।
कृष्णा के बाद केशव..
भिलाई-चरोदा नगर निगम के सभापति पद के लिए कांग्रेस ने कृष्णा चंद्राकर का नाम चलाया और वे सभापति निर्वाचित हुए। उसी तरह रिसाली नगर निगम सभापति के लिए सीनियर पार्षद केशव बंछोर का नाम आगे किया गया, वे भी सभापति निर्वाचित हुए। दोनों पर अपने-अपने सदन चलाने का महती दायित्व होगा। यह संयोग ही है कि कृष्णा व केशव दोनों ही भगवान श्रीकृष्ण के नाम हैं, जिन्होंने सत्य व न्याय की लड़ाई लड़ी।