रायपुर। कालीबाड़ी के दवा कारोबारी के मोबाइल का सिम कार्ड अपडेट कराने का झांसा देकर ठगों ने 2 एप डाउनलोड कराए फिर उनकी बैंक एफडी तोड़कर 1 लाख 90 हजार निकाल लिए। कारोबारी के मोबाइल पर पैसे निकलने का मैसेज आया तब उन्हें ठगी का पता चला। उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत की गई।
अफसरों ने आनन-फानन में बैंक से ट्रांजेक्शन रोकने मेल किया। उसके बाद भी ठग 1 लाख 51 हजार निकालने में सफल हो गए। पुलिस केवल 39 हजार का ट्रांजेक्शन ही रूकवा सकी। पुलिस अफसरों ने बताया कि कालीबाड़ी में विकास जैन का मेडिकल स्टोर है। उनके पास बीएसएनएल का पुराना नंबर है। ठगों ने उन्हें फोन किया और बताया कि बीएसएनएल का नंबर बंद कर सिम ब्लॉक कर दिया जाएगा। नंबर चालू रखने के लिए नए सिरे से दस्तावेज को अपडेट करना होगा। कारोबारी ने कहा कि उन्हें इसके लिए क्या करना होगा? ठग ने उसके बाद कारोबारी के मोबाइल पर दो लिंक भेजे। उसे क्लिक करते ही कारोबारी के मोबाइल पर एनीडेस्क और ऑटोमेटिक एसएमएस सर्विस का एप डाउनलोड हो गया। ठग ने कारोबारी से ओटीपी पूछा, उन्होंने ओटीपी का नंबर बता दिया। उसके बाद ठग का मोबाइल हैक हो गया। ठग उनका मोबाइल ऑपरेट करने लगा। उसने कारोबारी के खाते से 8 हजार निकाल लिए। कारोबारी के मोबाइल पर एफडी ब्योरा था। ठग ने पूरा डेटा निकाल लिया और बैंक से ऑनलाइन ही 1.82 लाख की एफडी तोड़ लिए। फिर पैसे अलग-अलग खाते में ट्रांसफर किए। उसके बाद कारोबारी जैन का पता चला। उनकी सूचना के बाद पुलिस एक खाते का ट्रांजेक्शन रुकवाने में सफल हुई, जिसमें 39 हजार ट्रांसफर हुआ था। बाकी पैसे ठग ने निकाल लिए है।

पुलिस के अनुसार ठगों ने एप से मोबाइल का ऑपरेटिंग सिस्टम अपने कंट्रोल में ले लिया था। कारोबारी के मोबाइल पर पैसों के ट्रांजेक्शन के पहले लगातार ओटीपी आ रहा था। वह सीधे ठग को मिल रहा था। ठग ने ओटीपी नंबर की मदद से ही खाते में सेंध लगाई। खातों में सेंध लगाने की कई शिकायतें आ चुकी हैं, लेकिन ये पहला मामला है जब ठगों ने एफडी तोड़कर पैसे निकाले हैं। पुलिस उन खातों का पता लगा रही है, जिनमें पैसों को ट्रांसफर किया है। खातों की जानकारी मिलने के बाद उन लोगों से पूछताछ की जाएगी, जिनके नाम के खाते हैं। अफसरों के अनुसार संगठित रैकेट हैक कर खातों में सेंध लगा रहा है। इस तरह के गैंग पैसे हथियाने के लिए बैंक खाते किराए पर लेते हैं।
