जम्मू (एजेंसी)। वैष्णो देवी मंदिर में साल 2022 के पहले ही दिन भगदड़ के चलते हुए दुखद हादसे की वजह कुछ युवकों के बीच विवाद था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बारे में बताते हुए कहा कि गेट नंबर तीन पर कुछ नौजवानों में कुछ बहस हुई थी और फिर इनमें से किसी को धक्का दिया गया और इस दौरान लोग भागने लगे। इस विवाद के चलते भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई और 12 लोग मारे गए। इस हादसे में 14 लोग जख्मी हुए हैं, जिन्हें वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के अलावा जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी युवकों के विवाद को ही हादसे की वजह बताया है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, ‘बहुत अफसोस की बात है। रात 2:30 बजे करीब गेट नंबर पर 3 पर घटना हुई। लाइन में कुछ लोगों में बहस हुई, जिसके बाद धक्कामुक्की हुई। इसके बाद भगदड़ मची। तुरंत ही घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम शुरू हुआ। ऐसा पहले कभी हुआ नहीं था। नवरात्रि में तो बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

#UPDATE: 12 dead, 13 injured in the stampede at Mata Vaishno Devi Bhawan in Katra. The incident occurred around 2:45 am, and as per initial reports, an argument broke out which resulted in people pushing each other, followed by stampede: J&K DGP Dilbagh Singh to ANI
— ANI (@ANI) January 1, 2022
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हादसे के बाद यात्रा कुछ देर के लिए रोकी गई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू कर दिया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति का जायजा लेने के बाद यात्रा फिर शुरू कर दी गई है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि पीएम नरेंद्र मोदी पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं रवाना हो गया हूं और वैष्णो देवी पहुंच रहा है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा घायलों को भी 50 हजार की मदद का फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है।

भीड़ को कंट्रोल करने के लिए थी पुलिसकर्मियों की कमी
कुछ चश्मदीदों का कहना है कि वहां भीड़ बहुत अधिक थी। दर्शन के लिए जाने वाले और दर्शन करके निकल रहे लोगों में धक्का-मुक्की हो रही थी। चश्मदीदों का कहना है कि रास्ते में उनकी कहीं पर्ची की जांच नहीं हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों और श्राइन बोर्ड कर्मियों की कमी थी।
नए साल के मौके पर जुटे थे करीब 80 हजार श्रद्धालु
वैष्णो देवी मंदिर परिसर के ड्यूटी ऑफिसर जगदेव सिंह ने बताया कि मृतकों में एक शख्स जम्मू-कश्मीर के ही राजौरी का रहने वाला है। इसके अलावा अन्य 11 लोग देश के अलग-अलग राज्यों के हैं। अब तक मृतकों में से 7 लोगों की पहचान कर ली गई है। 5 अन्य लोगों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। मंदिर में करीब 70 से 80 हजार श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए पहुंचे थे। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा कि श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की संख्या तय नहीं की थी। उन्होंने कहा कि त्रिकुटा हिल्स में ज्यादा श्रद्धालु नहीं ठहर सकते हैं। ऐसे में उन्हें कटरा बेस कैंप में ही रोकना चाहिए था और उनकी लिमिट तय करनी चाहिए थी।
Very distressed to know that an unfortunate stampede claimed lives of devotees at Mata Vaishno Devi Bhavan. My heartfelt condolences to the bereaved families. I wish speedy recovery to those injured.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 1, 2022
राष्ट्रपति ने व्यक्त किया शोक
वैष्णो देवी में हुए हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, वैष्णो देवी भवन में हुई भगदड़ में लोगों की जान जाने की खबर से बेहद आहत हूं। मैं दिल से मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्रता से ठीक होने की कामना करता हूं।