नई दिल्ली (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर एक मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के बीच दिल्ली सरकार की स्कूल खोलने को लेकर लताड़ लगाई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया हुआ है तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा, ‘दिल्ली की तरफ से कौन पेश हो रहा है? सिंघवी हमने आपके बयानों को गंभीरता से लिया। आपने कई दावे किए हैं। आपने कहा कि आपने स्कूल बंद कर दिए हैं। लेकिन सभी स्कूल बंद नहीं हैं। 3 साल और 4 साल के बच्चे स्कूल जा रहे हैं।
Air pollution in Delhi-NCR: Supreme Court pulls up Delhi government for opening the schools amid the rising air pollution levels in the city.
— ANI (@ANI) December 2, 2021
SC asks Delhi government when the government implemented work from home for adults then why children are being forced to go to school pic.twitter.com/wl4Y7mhSqV
कोर्ट ने आगे कहा कि हमें लगता है वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ नहीं हो रहा है, जबकि इसका स्तर लगातार खराब होता जा रहा है। सीजेआई रमन्ना ने कहा कि अगर आप कुछ नहीं करेंगे तो हमें बंद करना पड़ेगा। अगर आप आदेश चाहते हैं, तो हम किसी को नियुक्त कर सकते हैं।

सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि कल भी एक मंत्री सेंट्रल विस्टा में उड़ती हुई धूल को देख रहे थे। हमारे पास इच्छाशक्ति है और हम कार्रवाई कर रहे हैं। इसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम वास्तविक धूल नियंत्रण चाहते हैं। सिर्फ रिपोर्ट नहीं। बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि सेंट्रल विस्टा परियोजना और नए संसद भवन से जुड़े के निर्माण कार्य ‘राष्ट्रीय महत्वÓ की परियोजनाएं हैं और वे यह सुनिश्चित करने के लिए हर शर्त का पालन कर रहे हैं कि प्रदूषण न हो।