नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के अध्ययन के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए पैनल के सदस्य और किसान नेता अनिल घनावत का कहना है कि अगर 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिए जाने की मांग को अगर सरकार स्वीकार कर लेती है तो इससे देश दिवालिया होने की कगार पर आ जाएगा।
केंद्र सरकार ने जहां कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है तो वहीं, अब किसानों ने अपने आंदोलन को तब तक जारी रखने का ऐलान किया है जब तक एमएसपी को लेकर उनकी मांगें स्वीकार नहीं कर ली जाती।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, शेतकारी संगठन के नेता घनावत ने कहा, ‘एमएसपी चाहे केंद्र दे या राज्य, वह जल्द ही दिवालिया हो जाएगा। यह बहुत खतरनाक मांग है और लंबे समय तक पूरी नहीं की जा सकती। अगर इन्हें मान लिया जाता है तो दो साल के अंदर ही देश दिवालिया हो जाएगा।
उनके मुताबिक, यह मांग आर्थिक बोझ बढ़ाने के साथ ही देश में स्थिति भी बेकाबू हो जाएगी। उनके मुताबिक, अगर सरकार अभी 23 फसलों पर एमएसपी की मांग को मान लेती है, तो बाद में दूसरे किसान भी अपनी फसलों को लेकर इसी तरह की मांग करेंगे। हर दूसरे दिन किसी न किसी राज्य में विरोध प्रदर्शन होंगे। एक बार आप किसी फसल पर एमएसपी दे देंगे, तो दूसरी फसलों पर भी देना पड़ेगा।
किसान नेता ने कहा कि सरकार के पास सारे फसल खरीदने और उन्हें बेचने के लिए बुनियादी ढांचा भी नहीं है। ऐसे में अगर एमएसपी की सूची में और फसले जुड़ जाएंगी तो सरकार उन्हें कैसे खरीदेगी और कहां रखेगी।