नई दिल्ली (एजेंसी)। आईएनएक्स मीडिया कथित भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत के फैसले के तहत आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम व अन्य आरोपियों को मालखाने में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी।
सीबीआई ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच अभी जारी है और निरीक्षण के परिणामस्वरूप सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है। इसलिए निचली अदालत के पांच मार्च के आदेश को रद्द किया जाए। इस मामले में चिदंबरम आरोपी हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने सीबीबाई की याचिका को खारिज कर दिया है।
उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में, सीबीआई ने कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में उच्च स्तर का भ्रष्टाचार शामिल है और अभियुक्तों को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है लेकिन समाज के सामूहिक हित को प्रभावित नहीं किया जा सकता है।

चिदंबरम की हो चुकी है गिरफ्तारी
सीबीआई ने इस मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त, 2019 को गिरफ्तार किया था। इसी साल प्रवर्तन निदेशालय ने भी 16 अक्तूबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। चिदंबरम को 22 अक्टूबर को शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में तो ईडी वाले मामले में उन्हें 16 दिसंबर को जमानत मिली थी।
क्या है चिदंबरम पर आरोप
सीबीआई ने इस मामले में 15 मई, 2017 को केस दर्ज किया था। आरोप है कि इस मामले में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान अनियमितता बरती गई। 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये विदेशी चंदा पाने के लिए दी गई विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में अनियमितता का आरोप था।




