दुर्ग। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस 1 नवम्बर से सदस्यता अभियान शुरू करने जा रही है। लेकिन यह अभियान कांग्रेस के लिए आसान नहीं रहने वाला है। दरअसल, सदस्यता के फार्म में जो नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं, उनका पालन करते हुए नए युवा पार्टी से जुड़ पाएंगे, इसकी संभावना कम ही है। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, यूपी में आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिस तरह के वायदे कर रही है, उससे भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सिरदर्दी बढ़ रही है। महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने के ऐलान के बाद अब प्रियंका ने महिलाओं को स्कूटी देने का वायदा किया है। इससे छत्तीसगढ़ में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राज्य में कांग्रेस के करीब साढ़े 6 लाख सदस्य हैं। पार्टी ने इस लक्ष्य को दोगुना करने का बीड़ा उठाया है।
कांग्रेस ने अपने सदस्यता फार्म में बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं। कई शर्तों को जोड़ा गया है। इनमें कुछेक ऐसी शर्तें भी हैं, जिसे लेकर नाराजगी के स्वर फूटने की संभावना हैं। जिन लोगों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता लेनी है, उन्हें शराब व अन्य नशे से दूर रहने की घोषणा करनी होगी। इसके अलावा लिखित में यह वचन भी देना होगा कि वे पार्टी की रीति-नीति व कार्यक्रमों की आलोचना नहीं करेंगे। इसके अलावा सदस्यता फार्म में यह भी जोड़ा गया है कि सदस्यता लेने वाले कार्यकर्ता सीलिंग सीमा से ज्यादा सम्पत्ति नहीं रखेगा। जरूरत हुई तो पार्टी के लिए शारीरिक श्रम या इसी तरह के कार्य करने से नहीं हिचकेगा। एक बिंदू, जिस पर विवाद की संभावना है, वह जाति से संबंधित है। नए सदस्य को अपनी जाति के बारे में भी जानकारी देनी होगी। वहीं यह भी वचन देना होगा कि वे किसी प्रकार के सामाजिक भेदभाव के पक्षधर नहीं हैं और समाज में व्याप्त इस बुराई को दूर करने के लिए तत्पर रहेंगे। सदस्यता फार्म में कहा गया है कि कांग्रेस देश में ऐसा शासन स्थापित करना चाहती है, जहां अवसरों और आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक अधिकारों की समानता हो। समाज में शांति और भाईचारा लाना ही पार्टी का लक्ष्य है। कांग्रेस का सदस्यता अभियान 1 नवम्बर से शुरू होने जा रहा है, जो 31 मार्च तक चलेगा। केन्द्रीय अध्यक्ष का चुनाव 2022 में अगस्त से सितम्बर के बीच होगा। सारे कार्यक्रम सीडब्ल्यूसी के कार्यक्रमानुसार होंगे।
शराब पीते हैं तो नहीं मिलेगी सदस्यता
यदि आप शराब पीते हैं तो कांग्रेस की सदस्यता नहीं मिलेगी। पार्टी की वेबसाइट पर उपलब्ध सदस्यता फार्म में इसका स्पष्ट उल्लेख है। नए सदस्यता फार्म के मुताबिक, नए सदस्यों को यह घोषणा करनी होगी कि वे मादक पेय और नशीले पदार्थों से दूर रहते हैं। छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे कांग्रेस शासित राज्यों के संदर्भ में यह शर्त कई सवाल खड़े करती है। छत्तीसगढ़ जहां शराब की सर्वाधिक खपत वाले राज्यों में शामिल है, वहीं उड़ता पंजाब के युवा पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में हैं। छत्तीसगढ़ में शराब को लेकर क्या हालात हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां चुनाव पूर्व कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में शराबबंदी का वायदा किया था, किन्तु अब तक वह इस वायदे को पूरा नहीं कर पाई है। इसकी सबसे बड़ी वजह स्थानीय संस्कृति है, जहां जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कारों में शराब अनिवार्य है। वहीं दूसरी ओर शराब की बिक्री खुद सरकार कर रही है। इससे आने वाला राजस्व सरकार की आय का बड़ा स्रोत है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं से सरेआम पूछ लिया था कि कौन-कौन नशा करता है। इससे बैठक में शामिल नेता असहज हो गए थे।

पहननी होगी प्रामाणित खादी
सदस्यता फार्म में इस बात का भी उल्लेख है कि नए सदस्य को यह स्पष्ट करना होगा कि वे प्रामाणित खादी पहनने का आदी है। जिस देश में जींस, टी-शर्ट और बरमूड़ा कल्चर हावी है, वहां नए जुडऩे वाले सदस्यों से खादी की अपेक्षा करना बेमानी लगता है। बेदाग छवि किसी भी लोकतांत्रिक दल में आवश्यक हो सकती है, किन्तु ड्रेस कोड का निर्धारण अपने आप में सवाल है। कांग्रेस द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन के तहत सदस्यता ग्रहण करने वाले को यह बताना होगा कि वह न तो सामाजिक भेदभाव करता है और न ही किसी भी रूप में इसे अमल में लाता है। बल्कि इसे मिटाने के लिए काम करने का वचन देना होगा। धर्म और जाति के भेदभाव रहित एक सूत्र में बंधे समाज में विश्वास रखने का वचन भी जरूरी होगा। 18 वर्ष से कम वालों को कांग्रेस की सदस्यता नहीं मिलेगी।
अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी महत्वपूर्ण होती है, किन्तु कांग्रेस के सदस्यता फार्म में इस पर भी अंकुश लगाया गया है। इसके मुताबिक, नए सदस्यों को यह वचन देना होगा कि वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की बुराई नहीं करेगा। हालांकि पार्टी के मंच पर सदस्य अपनी बात कह सकता है। इसके अलावा कांग्रेस की संवैधानिक शर्तों और नियमों का पालन करेगा। सदस्य को कांग्रेस की पत्रिका का नियमित ग्राहक भी बनना होगा। वहीं नए सदस्यों को अपनी फोटो, जन्मतिथि, लिंग समेत जाति के बारे में भी जानकारी देनी होगी। बताना होगा कि वे सामान्य, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति में से किससे ताल्लुक रखते हैं।
सायकल योजना बंद, स्कूटी पर जोर
यूपी में चुनाव अभियान की कमान संभाल रही प्रियंका गांधी वहां नित-नए वायदे कर रही है। उनके वायदे छत्तीसगढ़ में पार्टी और सरकार के लिए मुसीबत बनने लगे हैं। पिछले दिनों उन्होंने महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया था। इस प्रियंका-फार्मूले की गूंज छत्तीसगढ़ में भी सुनाई दी। अब चुनाव जीतने पर महिलाओं को स्कूटी देने का उनका वायदा छत्तीसगढ़ सरकार को पसोपेश में डाल रहा है। भाजपा-भाजयुमो ने छत्तीसगढ़ में भी महिलाओं को स्कूटी देने की मांग रख दी है और इसके लिए आंदोलन-प्रदर्शन भी शुरू हो चुके हैं। इससे पहले भाजपा की डॉ. रमन सिंह सरकार स्कूली किशोरियों के लिए सरस्वती सायकल योजना चलाती रही, जिसे कांग्रेस की सरकार आने के बाद बंद कर दिया गया था। भाजपा का कहना है कि जब कांग्रेस यूपी में महिलाओं को स्कूटी बांटने का वायदा कर सकती है तो छत्तीसगढ़ में तो उसकी सरकार है, यहां इस वायदे को पहले पूरा करना चाहिए।
नए सदस्यों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ में भी 1 नवम्बर से सदस्यता अभियान प्रारम्भ होने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस ने दोगुनी सदस्यता का लक्ष्य रखा है। फिलहाल कांग्रेस के करीब साढ़े 6 लाख सदस्य है। प्रदेश कांग्रेस नए सदस्यों को पार्टी की विचारधारा से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण देगी। इसके अलावा 2018 के चुनाव में मिले वोटों के आधार पर पोलिंग बूथों को 3 जोन रेड, ऑरेंज व ग्रीन में बांटकर काम करने की योजना है। जिन पोलिंग बूथों में कम वोट मिले, वहां ज्यादा सदस्य बनाए जाने की योजना है, ताकि आगामी चुनावों में कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूती मिले। 26 अक्टूबर को दिल्ली में जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और महामंत्रियों की बैठक ली तो छत्तीसगढ़ के इस फार्मूले पर मुहर लगाई गई।




