दुर्ग। अमृत मिशन प्रोजेक्ट में धांधली, अनियमितता और लापरवाही किस कदर चल रही है, इसकी एक मिसाल गया वार्ड नंबर 2 में देखने मिली। बघेरा वार्ड का दौरा करने जा रहे विधायक अरुण वोरा को एक महिला बाना बाई निषाद ने केजू राईस मिल के पास रोककर वार्ड की समस्या देखने की गुहार लगाई। बाना बाई ने वोरा को बताया कि केजू राइस मिल के पास करीब 4 सौ मकान हैं। यहां छोटी-छोटी दस गलियों में नाली के भीतर अमृत मिशन की पाइपलाइन बिछाकर पाट दिया गया है। यहां संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा होने के बावजूद आज तक निगम का कोई अफसर झांकने भी नहीं आया।
पिछले डेढ़ दशक में इस शहर में तीन-चार मर्तबा पीलिया और डायरिया जैसी बीमारियां फैलने से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। नालियों का गंदा पानी पाइपलाइन में भरने के कारण ही इन संक्रामक बीमारियों का प्रकोप फैला था। नालियों के भीतर बिछी जर्जर हो चुकी पाइपलाइन से संक्रामक बीमारियों के कहर से शहरवासियों को बचाने के लिए ही नई पाइपलाइन बिछाने अमृत मिशन प्रोजेक्ट शुरू किया गया।
पाइपलाइन बिछाने की शिकायत मिलने के बाद विधायक अरुण वोरा ने इस मामले में जमकर आक्रोश जताया है। वोरा ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यजनक है। डेढ़ सौ करोड़ का प्रोजेक्ट नगर निगम की पिछली परिषद के कार्यकाल में शुरू हुआ और कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ दर्जनों की संख्या में शिकायतें मिल चुकी है। पूरे शहर में जगह-जगह खोदाई का काम किया गया लेकिन रेस्टोरेशन का कामं महीनों तक नहीं किया गया।
आज भी कई जगहों पर काम अधूरा है। काम की गुणवत्ता पर शुरू से सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद निगम प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? यह समझ से परे हैं। वोरा ने कलेक्टर और निगम कमिश्नर से नगर निगम के कामकाज का स्तर बेहतर बनाने ठोस कार्रवाई करने कहा है। ताकि, शहर का सही मायने में विकास हो सके। निगम का प्रशासनिक कामकाज रामभरोसे चल रहा है।
डेढ़ सौ करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद अगर पाइपलाइन को नाली के बीच से बिछाया जाए और पाइप में गंदा पानी मिलने की आशंका हो तो निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना जरूरी है। आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अफसरों को तत्काल मामले का संज्ञान लेने के निर्देश दिए हैं।