कुर्मीवादी राजनीति से गड़बड़ा सकता है कांग्रेस का साहू-गणित
भिलाई। तुलसी साहू को जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने की लम्बे समय से चल रही कवायद पर विराम लग गया है। पार्टी ने प्रदेश और स्थानीय स्तर पर हुए परिवर्तनों की जो सूची जारी की, उसमें जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुलसी साहू की छुट्टी कर दी गई। उनकी जगह मुकेश चंद्राकर को नया जिलाध्यक्ष बनाया गया है, जो अब तक जिला महामंत्री के पद पर थे। साहू की जगह कुर्मी को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जिले के राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार हैं। इसका सीधा असर कांग्रेस पर होने की संभावना है। इधर, जिलाध्यक्ष पद पर काम का मौका देने के लिए तुलसी साहू ने वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया है।
शुक्रवार को स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव जब मेडिकल कालेज हास्पिटल कचांदुर व सुपेला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो कांग्रेस के स्थानीय नेता नदारत थे। इसे प्रदेश की कांग्रेसी राजनीति में चल रही उठापटक के साथ जोड़कर देखा गया। अलबत्ता, जिला कांग्रेस की अध्यक्ष तुलसी साहू ने जरूर यह कहते हुए उनकी अगुवानी की कि संगठन की मुखिया होने के नाते उनकी मौजूदगी जरूरी है। कांग्रेस की स्थानीय राजनीति में इसकी खूब चर्चा भी रही। इसके ठीक एक दिन बाद ही तुलसी साहू को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। यही वजह है कि लोगों को यह कहने का अवसर मिला कि सीएम के गृह जिले में टीएस बाबा की अगुवानी करने की वजह से उन्हें हटाया गया है। जबकि हकीकत यह है कि श्रीमती साहू के स्थान पर नई नियुक्ति करने संबंधी पत्र एआईसीसी को काफी पहले ही भेजा गया था। वरिष्ठ नेता व एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने पार्टी संगठन में फेरबदल की सूची जारी की। इसके तहत बिलासपुर व जांजगीर चाम्पा के साथ भिलाई जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नई नियुक्तियां की गईं।
कौन हैं मुकेश चंद्राकर
फेरबदल के तहत जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर मुकेश चंद्राकर की ताजपोशी की गई है। मुकेश चंद्राकर अब तक जिले के महामंत्री का दायित्व निभा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नजदीकियों का लाभ उन्हें मिला है। वैसे, मुकेश चंद्राकर, साडा के पूर्व उपाध्यक्ष लक्ष्मण चंद्राकर के दामाद हैं। उल्लेखनीय यह भी है कि यह मुख्यमंत्री के राजनीतिक गुरू स्व. वासुदेव चंद्राकर का परिवार है। इस परिवार से आने वाली प्रतिमा चंद्राकर ने पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था। वे विधायक भी रह चुकीं हैं।

बदलेंगे जातीय समीकरण
दुर्ग जिले की राजनीति में साहू व कुर्मी समाज का बोलबाला रहा है। प्रत्येक चुनाव में यहां जातीय समीकरणों की अहमियत रही है। यही वजह है कि न केवल कांग्रेस, बल्कि भाजपा भी जातीय आधार पर संगठन में नियुक्तियां करते रहे हैं। टिकट वितरण में भी इसका विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है। कांग्रेस ने जब तुलसी साहू को जिलाध्यक्ष बनाया तो भाजपा ने भी जिलाध्यक्ष पद पर साहू की नियुक्ति की थी। माना जाता है कि साहू समाज बहुधा भाजपा का वोटबैंक हैं, जबकि कुर्मी समाज कांग्रेस को वोट देता है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद हालांकि वोट-बैंक खिसकने जैसी बातें भी हो रही थी।
नहीं स्वीकारी महिला आयोग सदस्य की जिम्मेदारी
बताया जाता है कि स्थानीय राजनीति में काफी समय से उठापटक चल रही थी। उन्हें पद से हटाने के लिए लामबंदी भी की गई। जबकि स्वयं सीएम बघेल चाहते थे कि वे अहम् पद पर रहकर सत्ता या संगठन से जुड़ी रहे। यही वजह है कि जब तुलसी साहू को जिलाध्यक्ष पद से हटाने की कवायद प्रारम्भ हुई तो सरकार ने उन्हें राज्य महिला आयोग की सदस्य बनाया, किन्तु श्रीमती साहू ने यह पद लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे उनके अधिवक्ता के काम पर सीधा असर होगा और लायसेंस भी निलंबित हो जाएगा, जो कि उनकी आजीविका का साधन है।
बिना कारण हटाया, कार्यकर्ता नाराज
इधर, खबर है कि तुलसी साहू को जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने पर पार्टी के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में गहन असंतोष है। सुबह से ही तुलसी साहू के निवास पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। सभी यह जानने को आतुर थे कि आखिर उन्हें पद से क्यों हटाया गया। हालांकि इसका जवाब स्वयं तुलसी साहू के पास भी नहीं था। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को भिलाई जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रायपुर रवाना होने वाले हैं। इस दौरान वे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे और बिना कारण बताए पद से हटाए जाने के प्रति अपनी नाराजगी जताएंगे। दरअसल, कार्यकर्ता इस बात को लेकर भी नाखुश हैं कि तुलसी के साथ ही उनके कई अन्य समर्थक जो ब्लाक अध्यक्ष जैसे पदों पर काबिज हैं, उन्हें भी हटाए जाने की संभावना है।
मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर रहीं थीं तुलसी
बताया जाता है कि जिस वक्त केसी वेणुगोपाल का नई नियुक्तियों से संबंधित पत्र जारी हुआ, उस वक्त तुलसी साहू डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन कर रहीं थीं। इसी दौरान मोबाइल पर यह खबर मिली कि उन्हें पद से हटा दिया गया। माता का आशीर्वाद लेने के पश्चात श्रीमती साहू सीधे भिलाई के लिए रवाना हुईं।
पार्टी के लिए सदैव तत्पर रहूंगी- तुलसी
भिलाई जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने पर तुलसी साहू ने नपी-तुली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दुर्ग जिले की पहली महिला अध्यक्ष एवं भिलाई जिले की प्रथम अध्यक्ष बनाए जाने पर वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रीमती साहू ने कहा कि उन्हें जिलाध्यक्ष जैसी महती जिम्मेदारी के लायक समझा गया और पार्टी की सेवा का अवसर दिया गया, उसके लिए वे हृदय से सभी को धन्यवाद देतीं हैं। उन्होंने कहा कि वे पार्टी की जमीनी कार्यकर्ता हैं और पूरी निष्ठा व समर्पण भाव से उसका निर्वहन करती रहेंगी।