कोलकाता (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो आज औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद सुप्रियो ने भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने राजनीति से संन्यास की भी घोषणा की थी। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने टीएमसी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान सांसद डेरेक ओब्रायन भी मौजूद थे।
टीएमसी के कुणाल घोष ने बाबुल सुप्रियो के टीएमसे में शामिल होने पर कहा, ‘भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। वे भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक (बाबुल सुप्रियो) आज शामिल हुए, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। रुकिए और देखते रहिए।
Former Union Minister and ex-BJP MP Babul Supriyo formally joins Trinamool Congress (TMC). Supriyo had quit BJP following the recent Union Cabinet reshuffle. pic.twitter.com/Uc5uOU2Izx
— ANI (@ANI) September 18, 2021
राजनीति छोडऩे का मेरा फैसला गलत और भावनात्मक
इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा है कि टीएमसी में आने के बाग गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने कहा था कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा तो इसका मतलब मेरे दिल से था। हालांकि, मुझे लगा कि एक बहुत बड़ा अवसर मुझे (टीएमसी में शामिल होने पर) सौंपा गया था। मेरे सभी दोस्तों ने कहा कि राजनीति छोडऩे का मेरा फैसला गलत और भावनात्मक था।

I meant it from my heart when I said I'll leave politics. However, I felt there was a huge opportunity that was entrusted upon me (on joining TMC). All my friends said my decision to leave politics was wrong and emotional: Former BJP leader Babul Supriyo after joining TMC today pic.twitter.com/y3OyymSc6a
— ANI (@ANI) September 18, 2021
उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत गर्व है कि मैं अपना फैसला बदल रहा हूं। मैं बंगाल की सेवा करने के महान अवसर के लिए वापस आ रहा हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं। मैं सोमवार को दीदी (सीएम ममता बनर्जी) से मिलूंगा। गर्मजोशी भरे स्वागत से अभिभूत हूं। आगे उन्होंने कहा, ‘दीदी और अभिषेक ने मुझे बहुत अच्छा मौका दिया है। चूंकि मैं टीएमसी में शामिल हो गया हूं, इसलिए आसनसोल में अपनी सीट पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है। मैं आसनसोल की वजह से राजनीति में आया हूं। मैं उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए यथासंभव प्रयास करूंगा।
फेसबुक पर राजनीति छोडऩे की घोषणा कर सबको हैरत में डालने के अगले दिन बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। आसनसोल के सांसद ने एक टीवी चैनल से कहा कि भविष्य में मैं क्या करता हूं यह तो वक्त ही बताएगा। सुप्रियो ने संकेत दिया था कि इस्तीफे का निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण लिया था।
आसनसोल से दो बार के सांसद 50 वर्षीय सुप्रियो उन कई मंत्रियों में शामिल थे, जिन्हें 7 जुलाई को एक बड़े फेरबदल के तहत केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटा दिया गया था। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के अरूप बिस्वास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
बाबुल सुप्रियो ने बताया था, क्यों रामदेव के कहने पर जॉइन की थी बीजेपी
गायकी से करोड़ों दिलों को जीतने के बाद राजनीति में सात साल की पारी के अंत का ऐलान करते हुए आसनसोल से बीजेपी सांसद और पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने यह भी खुलासा किया था कि वह क्यों और कैसे भगवा दल में शामिल हुए थे। बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि योगगुरु बाबा रामदेव के कहने पर उन्होंने बीजेपी जॉइन की थी और उस समय पार्टी को बंगाल में एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा था, ”स्वामी रामदेव से संक्षिप्त बातचीत हुई थी। मुझे यह अच्छा नहीं लगा कि बीजेपी बंगाल को इतनी गंभीरता से ले रही थी, लेकिन उसे एक भी सीट मिलने की उम्मीद नहीं थी। मैंने सोचा कि यह कैसे हो सकता है कि जो बंगाल श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी का इतना सम्मान करता है वह बीजेपी को एक भी सीट देने से इनकार कर दे। खासकर तब जब पूरे भारत ने चुनाव से पहले तय कर लिया था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे, बंगाल क्यों अलग सोचेगा। तब मैंने एक बंगाली के रूप में चुनौती स्वीकार की। सबकी सुनी, लेकिन किया वह जो मेरे दिल ने कहा, बिना कल की चिंता किए।




